जयपुर। भारतीय सिनेमा के पितामहल दादा साहब फाल्के की जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हे याद किया है। भारतीय सिनेमा को देश-दुनिया में नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने वाले दादा साहब फाल्के का डूडल बनाकर भावभीनी श्रद्धआंजलि दी है। दादा साहब फाल्के की आज 148वीं जयंती है। फाल्के साहब को देश की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र के निर्माण के लिए जाना जाता है। उसके बाद उन्होने कई ओर भी मूक फिल्म समाज को दी और फिर आवाज की फिल्में भी प्रदर्शित की।
सामाजिक ताने-बाने पर बनी उनकी फिल्में समाज को बड़ा संदेश देेने वाली होती है। 30 अप्रेल, 1870 में दादा साहेब फाल्के का जन्म महाराष्ट के नासिक के पास स्थित त्र्यंबकेश्वर गांव में हुआ। मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे फाल्के का नाम धुंडीराज गोविन्द फाल्के था। उन्हें बचपन से ही कला के प्रति लगाव रहा। इसी लगाव को देखते हुए उन्हें मुम्बई के नामी कला स्कूल में दाखिल करवाया गया। उन्होंने चित्रकारी के साथ फोटोग्राफी और स्थापत्य कला की जानकारी हासिल की और डिग्री प्राप्त की।
भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उनकी पच्वीसवीं पुण्यतिथि पर 1969 को उनके नाम से फाल्के अवार्ड देना शुरु किया है। यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है भारतीय सिनेमा के लिए। सबसे पहला दादा साहब फाल्के पुरस्कार नामी अभिनेत्री देविका रानी को दिया था। इस साल मरणोउपरांत यह पुरस्कार विनोद खन्ना को दिया गया। उनके नाम से सरकार ने डाक टिकट भी जारी किया है।