– स्कूल की मान्यता के लिए मकान मालिक के फर्जी हस्ताक्षरयुक्त किरायानामा व अन्य दस्तावेज सरकारी विभागों में लगाए, कोर्ट ने बाघी को जेल भेजा।
जयपुर। सरकारी विज्ञापन मान्यता प्राप्त एक दैनिक समाचार पत्र राष्ट्र-सम्मत के संपादक घनश्याम एस.बाघी (घनश्याम स्वरुप बागी) ने स्कूल की मान्यता हासिल करने के लिए शिक्षण संस्थान भवन के मालिक के फर्जी हस्ताक्षरों से कूटरचित किरायानामा तैयार किया और फिर इन दस्तावेजों के जरिये शिक्षा विभाग से मान्यता, अनुमति व भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है। भवन मालिक विनोद यादव की ओर से इस्तगासे के जरिये दर्ज करवाई गई रिपोर्ट की जांच के बाद कोतवाली थाना पुलिस अलवर ने घनश्याम स्वरुप बाघी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बाघी को कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उसे चौदह दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए।
अलवर निवासी परिवादी विनोद यादव ने रिपोर्ट में बताया कि आरोपी नीता जैन व उसके पति घनश्याम स्वरुप बाघी के.एस.मेमोरियल शिक्षा व सेवा समिति मोहल्ला शिवपुरा केडगंज अलवर के नाम से के.एस.किडस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के नाम से एक शिक्षण संस्थान संचालित करते हैं। नीता जैन इस संस्थान की सचिव है। इन्होंने शिक्षण संचालन के लिए मेरे तीन मंजिला भवन के भूतल हिस्से में बने कमरों को किराये पर ले रखा है। रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि घनश्याम एस.बाघी व उनकी पत्नी नीता जैन ने स्कूल की मान्यता, अनुमति व भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र लेने के लिए मेरे हस्ताक्षरों से कूटरचित फर्जी किरायानामा व भवन का नक्शा बनाया और उक्त दस्तावेजों को सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग अलवर में प्रस्तुत करके मान्यता हासिल प्राप्त की। नक्शे में प्रथम तल के भवन के हिस्से को भी स्कूल में दर्शा दिया, जबकि यह हिस्सा किराये पर नहीं दिया गया था। इन कूटरचित दस्तावेजों के बारे में शिक्षा विभाग व सार्वजनिक निर्माण विभाग में भी शिकायतें दी, लेकिन विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि स्कूल बन्द होने के बाद रात्रि में घनश्याम एस.बाघी अपने दोस्तों के साथ मदिरापान करता था। उलाहना देने पर न्यूसेंस करता था। पुलिस ने जांच के बाद रिपोर्ट में लगाए गए आरोप व तथ्य सही पाए जाने पर घनश्याम एस.बाघी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। कोतवाली थाना पुलिस इंचार्ज राजेश शर्मा ने बताया कि कूटरचित दस्तावेज को लेकर घनश्याम एस.बाघी को गिरफ्तार किया है। मामले में अन्य आरोपी के विरुद्ध भी जांच चल रही है। घनश्याम एस.बाघी शिक्षण संस्थान के संचालन के साथ दैनिक समाचार पत्र राष्ट्र-सम्मत जयपुर के संपादक भी है। गौरतलब है कि घनश्याम एस.बाघी के विरुद्ध जयपुर के करणी विहार थाने में एक महिला पत्रकार को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धमकाने और ऑडियो वायरल करने का मामला दर्ज हो रखा है, जिसमें बाघी के बेटे के मोबाइल के जरिये धमकी दी गई है।
उधर, राजकीय विज्ञापन मान्यता प्राप्त राष्ट्र-सम्मत समाचार पत्र पर भी सरकारी विज्ञापन मान्यता लेने के लिए प्रसार संख्या के फर्जी दस्तावेज पेश करने को लेकर सूचना व जनसंपर्क निदेशालय, पीआईबी भारत सरकार में जांच चल रही है, साथ ही सीबीआई जयपुर में भी एक परिवाद भी लंबित है। उक्त दैनिक समाचार पत्र के दिल्ली व राजस्थान में नौ संस्करण है, जिसकी प्रसार संख्या पांच साल पहले तो लाखों प्रतिदिन में थी। कुछ साल से आरएनआई द्वारा प्रसार संख्या जांच के नियम कड़े होने के बाद उक्त समाचार पत्र ने अपनी प्रसार संख्या काफी घटा दी है। वर्तमान में भी यह समाचार पत्र सिर्फ कागजों में ही प्रकाशित व प्रसारित हो रहा है, लेकिन प्रसार संख्या अभी हजारों में बता रखी है. भारी भरकम प्रसार संख्या के आधार पर सरकारी विज्ञापन लेकर सरकार को लाखों रुपयों की चपत लगाई जा रही है, साथ ही कई सालों से टैक्स चोरी का बड़ा खेल चल रहा है, जो इंकम टैक्स व ईडी की जांच में सामने आ सकता है।