जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित दारासिंह एनकाउंटर मामले में मंगलवार को कोर्ट ने फैसला देते हुए सभी आरोपी पुलिसकर्मियों व अफसरों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम.14 के जज रमेश कुमार जोशी ने इस मामले में आरोपी एसओजी के एडीजी ए पौन्नुचामी, एडिशनल एसपी अरशद अली, इंस्पेक्टर सत्यनारायण गोदारा, निसार खान, नरेश शर्मा, सुभाष गोदारा, राजेश चौधरी, जुल्फीकार अली, अरविन्द भारद्बाज, सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र सिंह, रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मुंशीलाल, हैड कांस्टेबल बद्री प्रसाद, सिपाही जगराम एवं ड्राइवर सरदार सिंह को बरी करने के आदेश दिए।
दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने जांच करके गैंगस्टर दारा सिंह के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए एनकाउंटर टीम में शामिल एसओजी के सभी आरोपी अफ सरों व पुलिसकर्मियों को अरेस्ट करके चालान पेश किया था।
मामले में तत्कालीन केबिनेट मंत्री राजेन्द्र राठौड़ व एडीजी एके जैन को आरोपी मानते हुए सीबीआई ने इन्हें अरेस्ट किया था। बाद में कोर्ट ने इन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। मामले में आरोपी चौदह पुलिस अफसरों व अन्य के बारे में फैसला सुनाएंगे।
मामले में भाजपा नेता और केबिनेट मंत्री राजेन्द्ग राठौड सेशन कोटज़् से और एसओजी के तत्कालीन एडीजी एके जैन हाईकोटज़् से पूवज़् में ही आरोप मुक्त हो चुके हैं। जबकि आरोपी ठेकेदार विजयकुमार जाट की हत्या हो चुकी है।
राजेन्द्र राठौड़ को आरोप मुक्त करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले की खास बात यह रही कि प्रकरण में सीबीआई जांच करवाने वाली दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ही अपने बयानों से मुकर गई। पहले वह आरोपियों पर फर्जी एनकाउंटर करके पति की हत्या का आरोप लगा रही थी।
बाद में बहस के दौरान इन आरोपों से साफ मुकर गई। दारा सिंह का भाई व दूसरे परिजन भी बयानों से बदल गए। सात पुलिस अफसर व कर्मचारी भी बयानों से मुकरे। इन सब को देखते हुए कोर्ट ने आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए।
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर, 2006 को मानसरोवर थाना क्षेत्र में हुए एसओजी ने गैंगस्टर दारा सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया था। उसकी एक साथी विजय ठेकेदार फरार हो गया, जिसका बाद में मर्डर हो गया था। सीबीआई ने मामले में जांच के बाद 17 आरोपितों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी। इस मामले में सीबीआई ने 194 गवाहों के कोर्ट में बयान करवाये। 705 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए।