नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा में जन्मे और वहीं शादी करने वाले गुरदास सिंह ने गुरमीत राम रहीम को लेकर सबसे बड़ा खुलासा किया है। समाचार चैनलों से हुई खास बातचीत करते हुए उसने बताया कि राम रहीम को शुरू में अश्लील फिल्में देखने का बहुत शौक था। बाद में उसका यही शौक कहीं ना कहीं अय्याशी में बदल गया।
गुरदास सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि 23 सितंबर को राम रहीम ने जिस वक्त डेरा सच्चा सौदा की गद्दी संभाली थी। उस समय तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम जी ने गुरमीत सिंह को कहा था कि डेरे के अंदर कभी किसी को साथ भी मत रखना। डेरे के अंदर अपना परिवार मत रखना। डेरे को कभी ट्रस्ट में तब्दील मत करना और डेरे में कारोबारी गतिविधियां न करना नहीं तो यह डेरा बर्बाद हो जाएगा।
गुरदास ने बताया कि सबसे पहले प्रेम नाम की एक महिला गुरमीत सिंह को लड़कियां सप्लाई किया करती थी। उसके बाद गुरमीत की इसी इच्छा को पूरा करने के लिए उसकी गुफा से जुड़ता हुआ लड़कियों का स्कूल खोला गया। बाद में हॉस्टल खोला गया। 11वीं और 12वीं क्लास की जिन लड़कियों पर गुरमीत की नजर पड़ जाती थी, प्रेम नामक महिला उन लड़कियों से जुड़ी हर जानकारी गुरमीत को बता देती थी।फिर इन लड़कियों को माफी के नाम पर या सिमरन करने के नाम पर एक विशेष कमरे में ले जाया जाता था। जिस कमरे में माइक्रोफोन लगा होता था। गुफा में बैठा गुरमीत यह सारी बातें स्पीकर के जरिए सुनता रहता था। कमरे में सजावट इस तरह से की गई थी कि कमरा एक तरीके से स्वर्ग में बदल जाता था। उस कमरे में चारों तरफ मल्टीकलर की लाइटिंग होती थी। अंधेरा हो जाता था और जब लड़की सिमरन करने लग जाती और पिताजी-पिताजी कह कर पुकारने लगती। तब गुरमीत सिंह एक लिफ्ट के जरिए अचानक कमरे में प्रकट होता था और लड़की को बोलता कि गुरमीत तो अपने गुफा में है और वो खुद तो देव लोक से आया है। फिर वह उस लड़की को बहला फुसला कर उसके साथ दुष्कर्म करता था।
गुरदास ने हनीप्रीत के बारे में बताया कि जब हनीप्रीत डेरे में आई तो उस वक्त उसका पूरा परिवार डेरे में ही रहता था। उसके दादाजी डेरे के खजांची थे। उसी दौर में गुरमीत सिंह की नजर हनीप्रीत पर पड़ी। फिर उसने 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन विश्वास गुप्ता के साथ उसकी शादी करवा दी। गुफा के अंदर पूरे परिवार को बुलाया गया। बाद में गुरमीत ने सबसे कहा कि उसे हनीप्रीत को कुछ समझाना है। सबको बाहर भेज दिया गया। हनीप्रीत को वहीं रोक लिया। गुरदास के मुताबिक उस समय वह गुफा के गेट पर खड़ा था। उसने अपने भाई को बताया कि आज बाबा हनीप्रीत के साथ गलत काम करेगा और वही हुआ। हनीप्रीत ने यह बात अपने दादा को बताई। हनीप्रीत के दादा ने उस समय वहां पर काफी हो हल्ला किया। इस पर गुरमीत के लोगों ने न सिर्फ हनीप्रीत के दादा की पिटाई की बल्कि उनके सिर पर बंदूक लगाकर कहा कि चुप रहो वरना मार दिए जाओगे। इसके बाद हनीप्रीत के दादा ने यह बात हनीप्रीत को बताई। हनीप्रीत ने कहा कि वह डेरे में नहीं रहेगी। और फिर वह विश्वास गुप्ता को लेकर फतेहाबाद की तरफ रवाना हो गई।
गुरमीत को जैसे ही यह बात पता चली। उसने अपने खास गुंडे हनीप्रीत के पीछे लगा दिए। उन गुंडों ने फतेहाबाद से पहले एक ढाबे पर रोककर हनीप्रीत के सिर पर बंदूक रखकर उससे कहा कि तुम्हारे पूरे परिवार को मार दिया जाएगा। चुपचाप डेरे में वापस चलो और हनीप्रीत वहां वापस आ गई। लेकिन हनीप्रीत ने कुछ समय बाद अपने दादा को बताया कि वह इस डेरे को बर्बाद करके ही आखरी सांस लेगी। गुरदास के मुताबिक अब शायद यही हुआ है। आज हनीप्रीत ने पूरे डेरे को बर्बाद कर दिया है। हनीप्रीत ने बाबा को कुर्ते पजामे से लेकर डिजाइनर ड्रेस, रॉकस्टार, फिल्म एक्टर और ना जाने क्या-क्या बना दिया। ताकि बाबा की छवि खराब हो सके।