जयपुर। करोड़ों रुपए की प्रोपर्टी के बंटवारे को लेकर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगा रहे एक ही कुटुम्ब के दो पक्षकारों के बीच गुरुवार को एडीजे-12 जयपुर मेट्रो तिरुपति गुप्ता की समझाइश से राजीनामा हो गया। प्रकरण के अनुसार व्यवसायी रवि अग्रवाल ने सम्पति के बंटवारे के लिए अपने पिता दामोदर अग्रवाल, मां उमा देवी, भाई राजीव अग्रवाल व भाभी रुचि अग्रवाल के खिलाफ सिविल दावा किया था। वादी की ओर से वकील मुकेशदत्त माथुर एवं प्रतिवादी की ओर से वकील सर्वेश सारस्वत पैरवी कर रहे थ्ो।
मध्यस्थ कैलाश मित्तल की मध्यस्थता में कई बार काउंसलिंग कर दोनों पक्षकारों के बीच राजीनामा करने के लिए प्रेरित किया। गुरुवार को हुए राजीनामे के अनुसार वादी को किशनपोल बाजार में 193 व 194 नम्बर की दुकानें, महेश कॉलोनी टोंक रोड का मकान, टिक्कड़ मल के रास्ते की दुकान एवं पैतृक मकान में हिस्सा मिला है। इसी तरह दामोदर लाल व उमा देवी को टोंक रोड पर बीलवा ग्राम में सालासर स्कीम की 5 दुकानें, लालकोठी एवं महेश कॉलोनी टोंक रोड के मकान तथा राजीव अग्रवाल को सहकार मार्ग का एक लालकोठी स्कीम के दो फ्लेट सहित अन्य प्रोपर्टियां दी गई है।