नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि के मामले में जवाब दाखिल करने में हुए विलंब को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सोमवार को 5,000 रुपये का जुर्माना कर दिया। जेटली ने आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल को लेकर केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। संयुक्त पंजीयक पंकज गुप्ता ने केजरीवाल को सैन्य कल्याण कोष में जुर्माना भरने का निर्देश दिया।
मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
केजरीवाल के पूर्व अधिवक्ता राम जेठमलानी ने जेटली द्वारा केजरीवाल और पांच अन्य लोगों के खिलाफ दायर मानहानि के एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस मामले की सुनवाई मई में हुई थी।
अब केजरीवाल द्वारा मामले में लिखित जवाब दिया जा चुका है, जिसे देखते हुए अदालत ने जेटली को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
उच्च न्यायालय ने दूसरे मानहानि मामले में जवाब न देने पर 28 जुलाई को केजरीवाल पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। अदालत ने 23 मई को केजरीवाल से जवाब मांगा था कि उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा क्यों न शुरू किया जाए। जेटली ने दूसरे मामले में कहा था कि आपत्तिजनक शब्दों के कारण उनके सम्मान को स्थायी क्षति पहुंची है।
यह मामला जेटली द्वारा 2015 में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दायर किए गए दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से संबंधित मानहानि मामले से अलग है।