जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित जयपुरिया अस्पताल के बाहर सड़क पर हुए प्रसव के मामले में आखिरकार चिकित्सा विभाग ने कार्यवाही करते हुए गुरुवार को नर्स ग्रेड द्वितीय माया गुप्ता को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया। वहीं एक डीएनबी स्टूडेंट राधा अग्रवाल को भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं बरतने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
बता दें राजधानी के जयपुरिया अस्पताल के बाहर एक महिला का सड़क पर प्रसव पर होने का मामला सामने आया था। इस मामले को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण ने गंभीरता से लेते हुए एक 5 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया था। साथ ही जांच रिपोर्ट 3 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। कमेटी ने मामले में गहनता से जांच की और लापरवाही बरतने के मामले में प्रारंभिक तौर पर डयूटी पर तैनात नर्स को जिम्मेदार माना। हालांकि जांच रिपोर्ट में डीएनबी छात्रा की लापरवाही को भी स्वीकारा, लेकिन कमेटी नर्स के मामले ज्यादा गंभीर नजर आई।
-राउंड द क्लॉक लगेगी डयूटी
चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने जयपुरिया अस्पताल में मरीजों व विशेष रुप से गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखते हुए लगातार 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध करवाने के विशेषतौर पर निर्देश जारी कर दिए। जिसके तहत अस्तपाल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और निश्चेतन की सुविधाएं नियमित तौर पर राउंड द क्लॉक रहेगी। चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल के स्टॉफ को निर्देश दिए कि वे अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार रखते हुए उनकी जांच व उपचार में पूरा सहयोग करें।