जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आज से 43 साल पहले 25 जून को संविधान की सारी मर्यादाओं को ताक पर रख कर देश में लोकतंत्र की हत्या की गई। गैर-कानूनी रूप से आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के समर्थकों को जेलों में ठूंस दिया गया। आपातकाल का यह घाव हमेशा याद रखा जाएगा। आपातकाल के उस दौर में कई महीनों तक जेल में रहने वाले हमारे लोकतंत्र सेनानियों को मैं नमन करती हूं। राजे जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज सभागार में लोकतंत्र सेनानियों के समागम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत, नानाजी देशमुख एवं विजयाराजे सिंधिया का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल में इन नेताओं ने जेल की तकलीफें सहन करते हुए लोकतंत्र को जिंदा रखने का काम किया। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने उस वक्त जितने अत्याचार सहे थे, उन्हें देखते हुए आज उनको जितना सम्मान दिया जाए उतना कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कायम रखते हुए उनके लिए पेंशन योजना लागू की। राजस्थान मीसा एवं डीआईआर बंदियों को पेंशन नियम 2018 में संशोधन कर इस योजना का नाम राजस्थान लोकतंत्र सेनानी निधि नियम 2018 किया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण सेनानी पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे, इसलिए हमने नियमों में बदलाव किया। राजे ने कहा कि आपातकाल के दौरान सीआरपीसी की धारा 107, 116 एवं 151 के तहत देश की जेलों में कम से कम एक महीने जेल में रहे बंदियों के बारे में आने वाले समय में उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान के मूल निवासी आपातकाल के दौरान राज्य से बाहर की जेलों में रहे, उन्हें भी पेंशन एवं भत्ते देने का निर्णय लिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार शीघ्र ही लोकतंत्र सेनानियों के हित में नियमों को और सरल करने के प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि आपातकाल के दौरान स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने 85 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों को शॉल ओढाकर सम्मानित किया। लोकतंत्र रक्षा मंच की ओर से मुख्यमंत्री को अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकतंत्र सेनानियों से प्रेरणा लेकर संकल्पबद्ध होने का आह्वान किया। केंद्रीय विधि राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी, लोकतंत्र रक्षा मंच के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र गहलोत एवं वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी दामोदर बंग ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यसभा में मुख्य सचेतक नारायण पंचारिया, राज्यमंत्री कमसा मेघवाल, राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी, विधायक सूर्यकांता व्यास सहित विधायक एवं कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।