जयपुर। अन्तर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर पार्टिसिपेटरी रिसर्च इन इंडिया की ओर से कनोडिया गर्ल्स कॉलेज में यूथ के साथ एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। इस मौके प्रिसिंपल मिनी टीसी ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ सभी का सम्मान व सुरक्षा है। आज समाज में महिलाओं को बराबर का दर्जा देना बेहद जरुरी है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्याय व हिंसा के मामले में अब उठ खड़Þे होने का समय आ गया है। लोकतंत्र तभी ताकतवर बनेगा। संविधान ने हमें अधिकार और कर्त्तव्य दिए हैं। अक्सर हमें अपने अधिकारों का भान तो रहता है, लेकिन हमारे कर्त्तव्यों को हम भूल जाते हैं। हम केवल दूसरों को ही उसके कर्त्तव्यों के बारे में याद दिलाते रहते हैं। जो एक विडंबना का विषय है।
आज महिलाओं को अपने हक और सम्मान के लिए एक दूसरे की मदद करते हुए आगे बढ़ना होगा। तभी लोकतंत्र का ध्येय सार्थक हो पाएगा। कॉलेज स्टूडेंट अफेयर डीन डा. सरला शर्मा ने कहा कि शुरुआत से ही हमें यह बताया जाता है कि हमें दूसरों के मामले में पड़ने से बचना चाहिए। जबकि यह सही नहीं है। लोकतंत्र का अर्थ है कि हम किसी को बिना नुकसान पहुंचाएं, बिना किसी की भावनाओं को आहत किए हुए अपने दिल के अनुसार काम करें। हमें अपने परिवार समाज और देश के प्रति कर्त्तव्यों का ध्यान रखना होगा। जो भी काम हो सबकी सहमति से हो, सहमति नहीं भी तो सहमति बनना जरुरी है। इस मौके पर छात्राओं ने अपनी बात रखी और कहा कि लोकतंत्र में एक लड़के और लड़की के बीच किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। जबकि कई मामलों में लड़कियों को अधिकारों की सीमा का उपयोग भी नहीं करने दिया जाता है। इस अवसर पर अपने हस्ताक्षर के माध्यम से विचारों की अभिव्यक्ति किए और संविधान के प्रति आस्था जताते हुए एक समृद्ध व सुदृढ़ भारत के निर्माण में अपना योगदान देने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के तहत प्रिया संस्था के डा. तूलिका आचार्य व नईम खान भी उपस्थित थे।