जयपुर। जोधपुर में नकली मावा का निर्माण करने वाली यूनिट्स और जोधपुर, नागौर और बीकानेर में इसका विक्रय करने वाली फर्मों के खिलाफ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जोधपुर, नागौर और बीकानेर जिला प्रषासन एवं पुलिस के सहयोग से मंगलवार को बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। बिना फैट के दूध, तेल और स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक घातक रसायनों का उपयोग कर बनाया गया 100 किलो मावा मौके पर ही नष्ट कराया गया। कार्यवाही की सूचना मिलते ही कई नकली मावा निर्माता अपनी यूनिट्स बंद कर भाग खडे़ हुई।
क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसी यूनिट्स का जाल होने की सूचना पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विशिष्ट सचिव एवं मिशन निदेशक डॉ. समित शर्मा ने सोमवार रात को ही जिला कलक्टर जोधपुर श्री प्रकाश राजपुरोहित और जोधपुर एसपी ग्रामीण श्री राहुल बारहट से समन्वय कर इन यूनिट्स के खिलाफ कार्यवाही की भूमिका तय की। योजना के अनुसार तड़के प्रातः 4 बजे ही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का केन्द्रीय दल लोहावट थाने के पुलिस के जाब्ते के साथ कार्यवाही के लिए निकल गया।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर ने बताया कि सबसे पहले लोहावट, वाइयों की ढाणी, जोधपुर में एक मावा निर्माण इकाई में कार्यवाही के दौरान बिना फैट का दूध व तेल मिलाकर तैयार किये 50 किलो खराब मावे को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सेम्पल लेकर नष्ट कराया गया। फर्म का मालिक संतोष ढाका इस फर्म को बिना लाइसेंस चला रहा था। इस फर्म पर अखाद्य, केमिकल श्रेणी का सोडियम हाइड्रोसल्फाइट मावे को सफेद करने के काम लिया जा रहा था। यह रसायन स्वास्थ्य के लिए घातक है। यहां उपयोग किया जा रहा हाइड्रोजन परॉक्साइड आखों, गले या श्वसन तंत्र एवं त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। इसे सांद्रित अवस्था में पीने पर पेट और आंत की परेशानी हो सकती है।