जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कार्मिक सचिव को 14 मई को पेश होकर बताने को कहा है कि सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के बैकलॉग के पदों को क्यों नहीं भरा जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश रतनलाल बैरवा की जनहित याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता शालिनी श्योराण ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी सेवाओं में दिव्यांगों के पद चिन्ह्ति नहीं किए हैं। वहीं बैकलॉग के पदों को भी नहीं भरा गया है। सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2013 में सभी राज्य सरकारों को एक अभियान चलाकर दिव्यांगों के बैकलॉग पदों पर भर्ती करने के आदेश दे चुका है। केन्द्र सरकार इस आदेश की पालना कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी अब तक पालना नहीं की है। याचिका में यह भी कहा गया कि दिव्यांगों के लिए वर्ष 2016 में बने कानून के तहत यदि एक साल दिव्यांगों के पद नहीं भरे गए तो उन्हें अगली भर्ती में दिव्यांग की ही दूसरी Ÿोणी में बदला जा सकता है।
इसके बाद भी पद नहीं भरे जाने पर तीसरी भर्ती में उन्हें सामान्य से भरने से पूर्व कार्मिक विभाग की अनुमति लेना जरूरी है। इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से बैकलॉग के पद नहीं भरे जा रहे हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कार्मिक सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं।