नई दिल्ली. नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में आयोजित छह दिवसीय भारत पर्व -2019 में रविवार को सायं राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपनी नायाब प्रस्तुति ‘डेजर्ट सेम्फनी’ से समा बाँध दिया और अपने दिलकश गीतो व संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया।
सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा चरी,भंवई,घूमर और कालबेलियां आदि लोकनृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां हुई I डेढ़ घंटा चले इस मनमोहक कार्यक्रम के प्रारंभ में स्थानीय कलाकारों सुश्री किरण कुमारी और साथी नृत्यांगनाओं द्वारा चरी नृत्य की प्रभावी प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बाड़मेर के भूंगडा खान और साथियों द्वारा प्रस्तुत ‘डेजर्ट सेम्फनी’ की शानदार प्रस्तुति रही I
करीब 25 कलाकारों ने एक साथ विभिन्न लोकवाद्यों और लोकसंगीत की मधुर धुनों के साथ अपने कर्णप्रिय लोकगीतों से दर्शकों की वाहवाही लूटी। ‘डेजर्ट सेम्फनी’ के साथ संगत करती हुई नृत्यांगनाओं ने भी राजस्थान के मशहूर भंवई, घूमर और कालबेलियां नृत्य प्रस्तुत कर ऐसा समा बांधा कि पूरा प्रांगण भारी करतल ध्वनि से गूंज उठा।
कार्यक्रम के अंत मे राजस्थान पर्यटक स्वागत केंद्र की अतिरिक्त निदेशक डॉ.गुणजीत कौर,सहायक निदेशक श्रीमती सुमिता मीना,रिटायर्ड सहायक निदेशक राजेन्द्र कुमार सेनी,राजस्थान सूचना केंद्र,नई दिल्ली के अतिरिक्त निदेशक गोपेन्द्र नाथ भट्ट और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने लोक कलाकारों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का मंच संचालन उदयपुर की श्रीमती हिमानी जोशी ‘लोरी’ ने किया।