नई दिल्ली। जासूसी के आरोप में पकड़े गए जासूसों ने सामरिक महत्व की सूचनाएं लेने के लिए राजनेताओं को भी इस्तेमाल करते थे और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते थे। पकड़े गए जासूस शोएब, सुभाष ने अपराध शाखा की पूछताछ में बताया कि वे सभी दलों के नेताओं के सम्पर्क में रहते थे। उनके साथ फोटो खींचवाते थे और राजनीतिक कार्यक्रमों में जुड़े रहते थे, ताकि किसी को उन पर शक नहीं हो। इनके कई राजनेताओं व मंत्रियों के कर्मचारियों के साथ भी संबंध थे। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने जासूसी करने के शक में एक जने को हिरासत में लिया है। इसका नाम
फ हत है और वह उत्तरप्रदेश के बड़े राजनेता का पीए बताया जाता है। गौरतलब है कि राजस्थान से पकड़े गए मौलाना रमजान, शोएब व सुभाष जांगिड़ की कई नेताओं से सम्पर्क में थे। इन नेताओं से सम्पर्क वाले फोटो आजकल सोश्यल मीडिया भी खूब चल रहे हैं।

– कहीं हमले की तैयारी तो नहीं थी

खुफिया शाखा ने नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर की ओर से जासूसी नेटवर्क बना कर संवेदनशील जानकारियां जुटाने का मकसद भारत में कोई बड़ा हमला कराना था। पाकिस्तानी हाई कमीशन में बैठकर आईएसआई का एजेंट महमूद अख्तर देश के समुद्री इलाकों की जानकारियां जुटा रहा था। सूत्रों की मानें तो अख्तर पश्चिमी तट से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाने में लगा था। इससे अंदेशा है कि वह इन जानकारियों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में कर सकता था। वहीं शोएब के पाक दूतावास के कर्मचारियों के जासूसी को लेकर सम्पर्क बने हुए थे। वही इस जासूसी का मुख्य कड़ी माना जा रहा है। जब पाक उच्चायोग के एजेंट महमूद अख्तर को सुभाष जांगिड़ से गोपनीय दस्तावेज लेते पकड़ा, तब शोएब चांदनी चौक में फ तेहपुरी मस्जिद के पास शांति कुं ज होटल में था। इसकी भनक लगने पर वह जोधपुर भागा, लेकिन बीच रास्ते में धरा गया। पूछताछ में शोएब ने बताया कि अख्तर से बात करने के लिए वे ज्यादातर वॉट्सऐप पर वाइस कॉल करते थे। शोएब के पास से कुछ खुफि या दस्तावेज और फैबलेट मिला है। जिसे उसने गिरफ्तारी से पहले तोड़ दिया था।

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