वाशिंगटन। मधुमेह पीड़ितों के लिए एक अच्छी खबर है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इस बीमारी से पीड़ित लोग जल्द ही अपने स्मार्टफोन की मदद से मधुमेह को नियंत्रित कर पाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि शरीर के विद्युतीय नेटवर्क को उद्दीप्त करने से मधुमेह के इलाज में मदद मिल सकती है। इस अध्ययन में संकेत दिया गया है कि तंत्रिकाओं के उद्दीपन की प्रक्रिया के बारे में उपलब्ध आंकड़े अर्थराइटिस जैसी विकृतियों और सेप्सिस जैसे जानलेवा संक्रमण के इलाज में मददगार हो सकते हैं। तंत्रिकाओं के उद्दीपन की प्रक्रिया प्राचीन परंपरागत एक्यूपंक्चर से लेकर आधुनिक इलेक्ट्रोपंक्चर, न्यूरोमॉड्यूलेशन तक हो सकती है। न्यूरोमॉडयूलेशन में तीव्र दर्द तथा पेल्विक संबंधी समस्या से राहत के लिए इलेक्ट्रिक उपकरणों का प्रतिरोपण किया जाता है।
‘‘ट्रेंड इन मॉलिक्यूलर मेडिसिन’’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि तंत्रिकाओं के उद्दीपन से कोलाइटिस, मधुमेह, मोटापे, पैंक्रियेटाइटिस, पक्षाघात तथा जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले संक्रमणों के इलाज में चिकित्सकीय लाभ मिल सकता है। अमेरिका में रटजर्स यूनिवर्सिटी के लुई अलोआ ने कहा ‘‘हमारा शरीर एक मकान के कमरों की तरह हैं। घर के डार्क रूम में घुसने पर बिजली की जरूरत होती है। इसी तरह हमारे शरीर में भी कुछ खास स्थितियों में बिजली के नेटवर्क की जरूरत होती है।’’ उन्होंने बताया कि इसके लिए नन्हें, प्रतिरोपण वाले उपकरण अहम भूमिका निभाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि शरीर के अंग ठीक से काम करें।