जयपुर। प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में अब विभिन्न मौसमी बीमारियों, गैर संचारी रोग सहित लगभग 46 बीमारियों की भी ई-औषधि के निदान सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन एंट्री की जायेगी। इससे नियमित तौर पर क्षेत्र विशेष में होने वाली बीमारियों के ट्रेंड की समीक्षा हो सकेगी। साथ ही उनकी रोकथाम के लिये तत्काल रूप से स्पेसिफिक कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही करने में काफी मदद मिलेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने शनिवार को जयपुर के हीराबाग स्थित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र में चल रही तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान ‘निदान’ आनॅलाइन एंट्री ऑफ प्रीजम्पटिव डायग्नोसिस आन ई-औषधि सॉफ्टवेयर का शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि अब चिकित्सा संस्थान स्तर पर विभिन्न ऑनलाइन सॉफ्टवेयर पर स्वास्थ्य सेवाओं की ऑनलाइन एंट्री के साथ-साथ मरीजों की बीमारी की भी ई-औषधि सॉफ्टवेयर पर एंट्री की जायेगी।
श्रीमती गुप्ता ने इस तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन मौसमी बीमारियों डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डिस्टि्रक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर, टेलीमेडिसिन सहित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने गैर संचारी रोगों की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा जिला अस्पताल पर कार्यरत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं डीईआईसी कार्मिकों की मानिटरिंग करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आरबीएसके और अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन कर गुणवत्तापूर्ण सेवाएं आमजन तक सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज एवं शुभलक्ष्मी योजना, वेलनेस सेंटर, टेलीमेडिसिन कार्यक्रम की भी समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों से टेलीमेडिसिन की संस्थानवार प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन राज्य सरकार की एक बेहद महत्वपूर्ण योजना है। इसे और अधिक प्रभावी बनाते हुये दूरस्थ क्षेत्रों में मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सक सेवायें सुलभ कराने पर बल दिया। उन्होंने बजट संबंधी बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम श्री नवीन जैन ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों एवं जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारियों को आपसी सामन्जस्य बिठाते हुये आरबीएसके में चिन्हित बच्चों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवायों का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिये।
बैठक में प्रबंध निदेशक आरएमएससी एमपी शर्मा, निदेशक जनस्वास्थ्य डा. वी.के.माथुर, निदेशक एड्स डा. एसएस चौहान, अतिरिक्त निदेशक डा. आरएस छीपी, डा. ओपी थाकन, डा. रवि प्रकाश शर्मा, डा. एसएन धौलपुरिया सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।