लखनऊ। यूपी में चुनावों में इस बार नोएडा से लेकर वाराणसी तक भाजपा की सूनामी देखने को मिली। जहां पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सभी विपक्षी दलों को चित कर दिया। लेकिन भाजपा की यह सूनामी मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाई। जहां भाजपा का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा। यहां पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने बेहतर तरीके से काम किया और जीत हासिल की। इस क्षेत्र में अखिलेश यादव ने 7 रैलियां की थी। मुलायम का गढ़ माने जाने वाले अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र से सपा के डा. संग्राम जीतने में कामयाब हुए। वहीं गोपालपुरा से सपा के नफीस अहमद, सगड़ी से बसपा की वंदना सिंह, आजमगढ़ से निवर्तमान मंत्री दुर्गाप्रसाद यादव, मुबारकपुर से बसपा के शाह आलम, निजामाबाद से सपा के आलंबदी, मेहनगर से सपा के कल्पनाथ पासवान और दीदारगंज सीट से बसपा के सुखदेव राजभर विजयी रहे। इसी तरह भाजपा यहां खाता खोलने में तो कामयाब हो गई। भाजपा के अरुणकांत यादव विधानसभा सीट फूलपुर पवई से जीतने में कामयाब रहे। राजनीतिक पंडि़तों का मानना है कि आजमगढ़ में मोदी लहर के नहीं चल पाने का एक कारण यह भी रहा कि बसपा को उलेमा काउंसिल का पूरा सहयोग मिला। जिससे मुस्लिम वोट उसके खाते में चले गए। वहीं सपा के पांच मौजूदा विधायकों को उनकी बेहतर छवि के चलते वोट मिले। ओबीसी के वोट सपा और भाजपा में बंटे तो भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा।
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