जयपुर। डिजिटलाइजेशन से ना सिर्फ बहुत तेजी से जीवन बदल रहा है, इससे आने वाले समय में समृद्धि और खुशी भी आयेंगी। यह बात आज राजस्थान सरकार के उद्योग मंत्री, राजपाल सिंह शेखावत ने कही। वे जयपुर में होटल आईटीसी राजपूताना में आयोजित ‘डिजिटल राजस्थान काॅन्क्लेव‘ के दूसरे संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम फैडरेषन आॅफ इंडियन चैम्बर्स आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) तथा साॅफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी पार्क्स आॅफ इंडिया (एसटीपीआई) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री ने कहा कि आईटी और डिजिटलाइजेष्न के कारण ना सिर्फ जीवन मे तेजी से बदलाव आ रहा है बल्कि इससे रोजगार क्वालिटी, गवर्नेंस और वित्तीय समावेषन भी सुनिष्चित हो रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी बदलाव के उद्देष्यों में समृद्धि और प्रसन्नता होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बिना खुषी सफलता का कोई अर्थ नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान में दुनिया भर में हैप्पीनेस इंडेक्स पर चर्चा हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेषन के कारण सेवाओं में कुषलता, पारदर्षिता और इफेक्टिवनेस बढी है। उन्होंने ‘सीमित सषक्तीकरण‘ कों बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि लोगों के पास तकनीक तो उपलब्ध है, लेकिन इसे उपयोग में लेने का कौषल नहीं है। इस अन्तराल का दूर करना होगा। बाद में उद्योग मंत्री र्ने अेस्ट एंड यंग एलएलपी (ई एंड वाई) द्वारा तैयार की गई नाॅलेज रिपोर्ट “डिजिटल राजस्थान काॅन्क्लेव – ट्रांसफार्मिंग लाइव्स थू्र टेक्नोलाॅजी” का विमोचन किया।
साॅफ्टवेयर्स टेक्नोलाॅजी पार्क्स आॅफ इंडिया (एसटीपीआई) के डायरेक्टर जनरल, डाॅ. ओमकार राॅय ने कहा कि राजस्थान में एसटीपीआई की दो यूनिट है। इन दोनों पार्क्स में स्थित 17 इकाइयों से 1,000 करोड रूपए मूल्य का साॅफ्टवेयर्स निर्यात हो रहा है। सम्पूर्ण भारत में ऐसी इकाइयांें से कुल 3,41,490 करोड रूपए के साॅफ्टवेयर्स निर्यात किए गये हैं। उन्होंने कहा कि देष की जीडीपी में आईटी सेक्टर की हिस्सेदारी 7.7 प्रतिषत है। भारत सरकार के मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रम दुनिया की आईटी इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी बढाएंगे।
राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट काॅर्पोरेषन लिमिटेड (रीको) की मैनेजिंग डायरेक्टर, मुग्धा सिन्हा ने कहा कि इस काॅन्क्लेव से डिजिटल डिवाइड को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि वंचित वर्ग के लोग भी वर्तमान में तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। पेटीएम जैसी सुविधाओं का बढता उपयोग इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा वर्तमान में देष में शहरी क्षेत्र में 27 प्रतिषत और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 प्रतिषत लोग ही तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इसे प्रभावी बनाने के लिए इस आंकडे को और बढाना होगा। उन्होंने निवेषकों से अपील की कि वे रीको द्वारा विकसित किए गए आईटी पार्क्स में निवेष करें। अब समय आ गया है कि जोखिम लेना होगा और निरंतर रूप से डिस्र्पषन और तेज गति से परिवर्तन करना होगा।
इस अवसर पर्र अस्ट एंड यंग के पार्टनर मिलन नरेन्द्र ने कहा कि आज जारी की गई नाॅलेज रिपोर्ट “डिजीटल राजस्थान काॅन्क्लेव – ट्रांसफार्मिंग लाइव्स थू्र टेक्नोलाॅजी” में ‘सेक्टर‘ एवं ‘साॅल्युषन‘ – दो थीम पर डिजीटल प्रौद्योगिकी के क्रिर्यान्वयन की जांच की गई है। इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य, आइडेंटिटी प्रबन्धन, नागरिक एवं सेवा वितरण, परिवहन, कृषि के साथ-साथ टैक्स एवं पब्लिक फाइनेंस आदि पर भी विस्तार के साथ जानकारी दी गई है। इसके अतिरिक्त नाॅलेज पेपर में प्रदेष के डिजीटल ट्रांजीशन को और अधिक गति प्रदान करने के लिए ‘थीम वाइज‘ सिफारिषें भी दी गई है।
इससे पूर्व, फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के को-चेयरमैन, रणधीर विक्रम सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि राजस्थान डिजिटल सेक्टर में तेजी से आगे बढ रहा है और इसने ई-गवर्नेस के दिषा में मजबूत कदम उठाए हैं। राज्य के युवा टैलेंट के लिए आईटी और आईटीईएस पाॅलिसी लागू कर दी गई है। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के सदस्य और महिन्द्रा वल्र्ड सिटी जयपुर लिमिटेड के बिजनिस हैड, संजय श्रीवास्तव ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के हैड,अतुल शर्मा ने किया।