– छह साल पुराने मामले में हत्यारे पति को उम्रकैद, सात जन्मों का वचन डेढ़ महीने में ही तोड़ा
जयपुर। सात जन्मों के वचन के साथ जिस हमसफर साथी (पति) के शादी की, उस हमसफर ने डेढ़ महीने में ही सात जन्मों का वादा भूला दिया। शादी की कटार से ही पति ने अपनी पत्नी का गला रेंत कर उसकी हत्या कर दी। हत्या की वजह दहेज की मांग पूरी नहीं होने के चलते उसने यह वारदात करना कबूला। करीब छह साल पुराने इस मामले में सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने हत्यारे पति को उसकी करनी की सजा सुनाई है। महिला उत्पीडऩ मामलात की विशेष अदालत की जज रेखा राठौड़ ने हत्यारे पति इंदिरा गांधी नगर जगतपुरा निवासी पच्चीस वर्षीय अशोक सिंह कण्डेरा को उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही तीन लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है। साथ ही कोर्ट ने प्रतिकर स्कीम में पीडित के माता-पिता को उचित मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। लोक अभियोजक आर.पी. शर्मा ने कोर्ट को बताया कि उषा देवी के पिता प्रभुदयाल कंडेरा निवासी जमवारामगढ ने मालवीय नगर थाने में 27 जून, 2011 को मामला दर्ज करवाया था कि उसकी बेटी की शादी 12 मई, 2011 को दौसा में सूर्यवंशी राजपूत गहलोत समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में अशोक सिंह के साथ हुई थी। शादी के पांच दिन बाद से ही पति, सास-ससुर व दूसरे परिजनों ने दहेज के लिए उसकी बेटी को प्रताडि़त करना शुरु कर दिया था। उसके साथ मारपीट की। उसे पीहर भी नहीं जाने दिया। शादी के डेढ़ महीने बाद 26 जून को अशोक सिंह ने उषा की कटार से गला काटकर हत्या कर दी। उसके सीने पर भी कई वार कटार से किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने अशोक सिंह को गिरफ्तार करके कोर्ट में चालान पेश किया।

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