सिरोही। राज्य सरकार के आपदा राहत मंत्री गुलाबचंद कटारिया जिला कलेक्ट्रेट में अधिकारियो की बैठक लेने तो आये है लेकिन उन्हे सिरोही जिले की सबसे बडी त्रासदी होने के बारे में कोई जानकारी नही है। पूर्व विधायक संयम लोढा द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में आज भी रोहुआ गांव में 25 फीट पानी भराव एवं रोहुआ गांव के डुब में होने की जानकारी देने पर उन्होने आश्चर्य प्रकट किया कि उन्हे इसकी कोई जानकारी नही है। लोढा ने कहा कि अत्यन्त खेद का विषय है कि प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड, जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप जो भी मंत्री आये वो रोहुआ नही गये और अब आप भी नही जा रहे है। जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप से भी जब फोन पर बात हुई तो उन्होने कहा कि प्रशासन ने कोई जानकारी नही दी और अब आपको भी जानकारी नही है। इस पर कटारिया ने लोढा से कहा कि वे उन्हे कल दोपहर में फोन पर अपना रोहुआ का कार्यक्रम बतायेंगे।
केबिनेट की बैठक 16 अगस्त को हुई तो वे 17 या 18 अगस्त को रोहुआ आयेंगे। और नही हुई तो 16 अगस्त को ही रोहुआ आयेंगे। लोढा के साथ ग्राम पंचायत रोहुआ के सरपंच रमेश मेघवाल, पंचायत समिति सदस्य सुरताराम देवासी ने रोहुआ के बाढ पीडितो से मिलने के लिये लिखित पत्र दिया। कंाग्रेस ने आपदा राहत मंत्री से बाढ़ पीड़ितों के नुकसान का नए सिरे से सर्वे कराने का आग्रह किया। राजस्व कार्मिकों के ज्यादातर बद रिक्त होने से पूरा सर्वे नहीं किया जा सका। कांग्रेस ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में पशुओं की मौत हुई है, लेकिन मुआवजे के लिए तीन पशु की सीमा निर्धारित करने से पीड़ितों को भारी हानि उठानी पड़ रही है। पोस्टमार्टम की अनिवार्यता करने से जिन पीड़ितों के पशु जमींदोज हो गए है उन्हें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
जिन किसानों की भूमि का कटाव हुआ है उन्हें पचास हजार प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जाए, जिनके कुएं धराशायी हुए है उन्हें 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इसका अभी तक सर्वे करने का निर्देश भी नहीं दिया गया है। आपदा प्रबंधन की प्रशासनिक स्तर पर किसी भी तरह की पूर्व तैयारी नहीं की गई थी, इसकी वजह से भारी जानमाल का नुकसान हुआ। प्रशासन मुस्तैद नहीं था। लोग कई दिन फंसे रहे। लोटीवाड़ा के चुन्नीलाल भील को बहते पानी के कारण दो दिन अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और पानी कम पड़ने पर जब उसे कैलाशनगर ले जा रहे थे, उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। इसी तरह भारी बहाव का खतरा चिन्हित किया जाता तो रपटो पर बहे गए एक दर्जन लोगों को जिन्दगी नहीं गवानी पड़ती। फाॅर वाटर कास्टेप में बनाए गए एमआई टैंक के निर्माण में भारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार हुआ। इसी तरह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन में भी भारी भ्रष्टाचार के चलते पहली बारिश में ही एनीकट, एमआई टैंक व अन्य निर्माण कार्य धराशायी हो गए, जिससे किसान बर्बाद हो गया। इसकी आयोग बनाकर जांच होनी चाहिए। कांग्रेस ने कटारिया से कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनेक कार्य भारी भ्रष्टाचार के चलते पहली बारिश में ही धराशायी हो गए। जावाल के पुल के घटिया निर्माण में आम जनता के बीच सिरोही जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कार्यवाही करने की घोषणा की थी, लेकिन मिलीभगत के चलते बीस दिन बाद भी कुछ नहीं हुआ।सिरोही जिले में किसानों की फसल का शत प्रतिशत नुकसान हुआ है। अतः कृषि ऋण की राशि शत प्रतिशत उन्हें प्र्रति बीघा 5 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए। किसानों के आगामी छः माह के बिजली बिल माफ किए जाए।कांग्रेस ने कटारिया से कहा कि सिरोही जिले की रोहुआ ग्राम पंचायत बाढ़ से विशेष प्रभावित है।
अतः रोहुआ के समस्त कठिनाईयों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए। रोहुआ गांव की घरेलु बिजली की लाइन पहाड़ के किनारे किनारे अलग से बिछाई जाए। कृषि, पशुपालन, सड़क, पेयजल, सहकारी ऋण सभी विभागों के लिए अलग से प्रस्ताव लेकर रोहुआ पैकेज घोषित किया जाए। लोढा के साथ जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया, प्रधान जीवाराम आर्य, प्रदेश सचिव गुमानसिंह देवडा, ब्लाॅक अध्यक्ष रेवदर भेरूलाल भाटी, पिण्डवाडा राकेश रावल, इंटक जिलाध्यक्ष इन्दरसिंह देवडा, विनोद देवडा, बाबुखान, महिला अध्यक्ष हेमलता शर्मा, अल्पसंख्यक के मारूफ हुसैन, पूरण कंवर, उपप्रधान मोटाराम देवासी, नेनाराम माली, गोपीलाल मेघवाल, वजींगराम घांची, कांतिलाल हिरागर, सुरेशसिंह राव, कुशल देवडा, राजेन्द्रसिंह जाखोडा, मोतीसिंह देवडा, महावीरसिंह, फजल मोहम्मद, किशोर बाफना, हडवंतसिंह देवडा, प्रतापसिंह नून, निंबाराम गरासिया, कांतिलाल हीरागर, ईश्वरसिंह डाबी, जितेन्द्र सिंघी, पिंकी रावल, अब्बास अली, संजय गर्ग, साजिद अली, तेजाराम मेघवाल, केवाराम मेघवाल, हमीद कुरैशी, मुजफर बेग, प्रवीणसिंह, गोविन्दसिंह, अजरूदीन, मफतलाल बुनकर, सिराज मेमन, हबीब शेख, जितेन्द्र ऐरन, प्रकाशराज मीणा सहित सैकडो कांग्रेसी मौजूद थे।सिरोही। राज्य सरकार के आपदा राहत मंत्री गुलाबचंद कटारिया जिला कलेक्ट्रेट में अधिकारियो की बैठक लेने तो आये है लेकिन उन्हे सिरोही जिले की सबसे बडी त्रासदी होने के बारे में कोई जानकारी नही है। पूर्व विधायक संयम लोढा द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में आज भी रोहुआ गांव में 25 फीट पानी भराव एवं रोहुआ गांव के डुब में होने की जानकारी देने पर उन्होने आश्चर्य प्रकट किया कि उन्हे इसकी कोई जानकारी नही है। लोढा ने कहा कि अत्यन्त खेद का विषय है कि प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड, जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप जो भी मंत्री आये वो रोहुआ नही गये और अब आप भी नही जा रहे है। जल संसाधन मंत्री डाॅ. रामप्रताप से भी जब फोन पर बात हुई तो उन्होने कहा कि प्रशासन ने कोई जानकारी नही दी और अब आपको भी जानकारी नही है। इस पर कटारिया ने लोढा से कहा कि वे उन्हे कल दोपहर में फोन पर अपना रोहुआ का कार्यक्रम बतायेंगे। केबिनेट की बैठक 16 अगस्त को हुई तो वे 17 या 18 अगस्त को रोहुआ आयेंगे। और नही हुई तो 16 अगस्त को ही रोहुआ आयेंगे। लोढा के साथ ग्राम पंचायत रोहुआ के सरपंच रमेश मेघवाल, पंचायत समिति सदस्य सुरताराम देवासी ने रोहुआ के बाढ पीडितो से मिलने के लिये लिखित पत्र दिया। कंाग्रेस ने आपदा राहत मंत्री से बाढ़ पीड़ितों के नुकसान का नए सिरे से सर्वे कराने का आग्रह किया। राजस्व कार्मिकों के ज्यादातर बद रिक्त होने से पूरा सर्वे नहीं किया जा सका। कांग्रेस ने कहा कि सैकड़ों की संख्या में पशुओं की मौत हुई है, लेकिन मुआवजे के लिए तीन पशु की सीमा निर्धारित करने से पीड़ितों को भारी हानि उठानी पड़ रही है। पोस्टमार्टम की अनिवार्यता करने से जिन पीड़ितों के पशु जमींदोज हो गए है उन्हें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। जिन किसानों की भूमि का कटाव हुआ है उन्हें पचास हजार प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जाए, जिनके कुएं धराशायी हुए है उन्हें 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। इसका अभी तक सर्वे करने का निर्देश भी नहीं दिया गया है। आपदा प्रबंधन की प्रशासनिक स्तर पर किसी भी तरह की पूर्व तैयारी नहीं की गई थी, इसकी वजह से भारी जानमाल का नुकसान हुआ। प्रशासन मुस्तैद नहीं था। लोग कई दिन फंसे रहे। लोटीवाड़ा के चुन्नीलाल भील को बहते पानी के कारण दो दिन अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और पानी कम पड़ने पर जब उसे कैलाशनगर ले जा रहे थे, उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। इसी तरह भारी बहाव का खतरा चिन्हित किया जाता तो रपटो पर बहे गए एक दर्जन लोगों को जिन्दगी नहीं गवानी पड़ती। फाॅर वाटर कास्टेप में बनाए गए एमआई टैंक के निर्माण में भारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार हुआ। इसी तरह मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन में भी भारी भ्रष्टाचार के चलते पहली बारिश में ही एनीकट, एमआई टैंक व अन्य निर्माण कार्य धराशायी हो गए, जिससे किसान बर्बाद हो गया। इसकी आयोग बनाकर जांच होनी चाहिए। कांग्रेस ने कटारिया से कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनेक कार्य भारी भ्रष्टाचार के चलते पहली बारिश में ही धराशायी हो गए। जावाल के पुल के घटिया निर्माण में आम जनता के बीच सिरोही जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कार्यवाही करने की घोषणा की थी, लेकिन मिलीभगत के चलते बीस दिन बाद भी कुछ नहीं हुआ।सिरोही जिले में किसानों की फसल का शत प्रतिशत नुकसान हुआ है। अतः कृषि ऋण की राशि शत प्रतिशत उन्हें प्र्रति बीघा 5 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए। किसानों के आगामी छः माह के बिजली बिल माफ किए जाए।कांग्रेस ने कटारिया से कहा कि सिरोही जिले की रोहुआ ग्राम पंचायत बाढ़ से विशेष प्रभावित है। अतः रोहुआ के समस्त कठिनाईयों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए। रोहुआ गांव की घरेलु बिजली की लाइन पहाड़ के किनारे किनारे अलग से बिछाई जाए। कृषि, पशुपालन, सड़क, पेयजल, सहकारी ऋण सभी विभागों के लिए अलग से प्रस्ताव लेकर रोहुआ पैकेज घोषित किया जाए। लोढा के साथ जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया, प्रधान जीवाराम आर्य, प्रदेश सचिव गुमानसिंह देवडा, ब्लाॅक अध्यक्ष रेवदर भेरूलाल भाटी, पिण्डवाडा राकेश रावल, इंटक जिलाध्यक्ष इन्दरसिंह देवडा, विनोद देवडा, बाबुखान, महिला अध्यक्ष हेमलता शर्मा, अल्पसंख्यक के मारूफ हुसैन, पूरण कंवर, उपप्रधान मोटाराम देवासी, नेनाराम माली, गोपीलाल मेघवाल, वजींगराम घांची, कांतिलाल हिरागर, सुरेशसिंह राव, कुशल देवडा, राजेन्द्रसिंह जाखोडा, मोतीसिंह देवडा, महावीरसिंह, फजल मोहम्मद, किशोर बाफना, हडवंतसिंह देवडा, प्रतापसिंह नून, निंबाराम गरासिया, कांतिलाल हीरागर, ईश्वरसिंह डाबी, जितेन्द्र सिंघी, पिंकी रावल, अब्बास अली, संजय गर्ग, साजिद अली, तेजाराम मेघवाल, केवाराम मेघवाल, हमीद कुरैशी, मुजफर बेग, प्रवीणसिंह, गोविन्दसिंह, अजरूदीन, मफतलाल बुनकर, सिराज मेमन, हबीब शेख, जितेन्द्र ऐरन, प्रकाशराज मीणा सहित सैकडो कांग्रेसी मौजूद थे।