जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हैड कॉन्सटेबल के लिए आयोजित पदोन्नति दौड़ में हार्ट अटैक से हुई कॉन्सटेबल की मौत के मामले में क्षतिपूर्ति को लेकर राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने एकलपीठ की ओर से मृतक की विधवा को क्षतिपूर्ति के तौर पर बीस लाख रुपए और विशेष पेंशन के आदेश को सही माना है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह आदेश प्रमुख गृह सचिव और पुलिस विभाग की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए दिए।
अधिवक्ता अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि रामेश्वरी देवी का पति रामजीलाल कॉन्सटेबल के तौर पर कार्यरत था। वर्ष 2014 में हैड कॉन्सटेबल पद के लिए आयोजित पदोन्नति दौड़ के दौरान रामजी लाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके चलते विभाग ने सामान्य मौत मानते हुए अस्सी हजार रुपए और सामान्य पेंशन के आदेश दिए। इसके खिलाफ याचिका दायर करने पर एकलपीठ ने गत 31 मई को आदेश जारी कर बीस लाख रुपए क्षतिपूर्ति और विशेष पेंशन देने के आदेश दिए। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई। जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया।