उच्च एवं तकनीकी शिक्षा एवं एचआर कॉन्क्लेव‘ का उद्घाटन सत्र
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य दो ऎसी सेवाएं हैं, जिनमें पैसा कमाना नहीं बल्कि सेवा करना उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्रों में नो प्रोफिट-नो लॉस की भावना के साथ कार्य करते हुए आमजन को राहत पहुंचाने के लिए सभी को आगे आना होगा।
गहलोत सोमवार को होटल क्लार्कस आमेर में दो दिवसीय ‘उच्च एवं तकनीकी शिक्षा एवं एचआर कॉन्क्लेव‘ के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज संचालकों को गरीब एवं सुविधाहीन लागों की मदद के लिए आगे आना होगा। कोचिंग संचालकों को गरीब छात्र-छात्राओं को रियायती दर पर कोर्सेज एवं कोचिंग सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस कॉन्क्लेव के आयोजन के लिए उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग एवं इलेट्स टैक्नोमीडिया को बधाई दी और उम्मीद जताई कि कॉन्क्लेव के दौरान होने वाले विभिन्न सत्रों में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में देश-विदेश में हो रहे नवाचारों पर चर्चा होगी और विचारों का आदान-प्रदान होगा, जिसका युवाओं खासकर उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा की पहुंच दूर-दराज के क्षेत्रों एवं गरीब विद्यार्थियों तक बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। हमारे पहले बजट में हमने प्रदेश में 50 कॉलेज खोलने की घोषणा की थी, जिनमें से 10 कॉलेज बालिकाओं के थे। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि इन कॉलेजों में प्रवेश हो चुके हैं और पढ़ाई भी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पहले कार्यकाल में प्रदेश में उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र को कॉलेज, यूनिवर्सिटी खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया था ताकि यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल करने के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। प्राइवेट कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कमजोर तबके के छात्र वहन नहीं कर पाते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार सरकारी क्षेत्र के कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है। सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के एक हजार पदों को भरने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री श्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा प्रदेश में 50 सरकारी कॉलेज खोलने की घोषणा का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो छात्राएं 12वीं के बाद पढ़ाई के लिए शहर नहीं जा पाती, उन्हें अब उच्च शिक्षा हासिल करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अध्ययनरत छात्राओं की फीस माफी के राज्य सरकार के फैसले से भी बालिका शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने तकनीकी शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होेंने कहा कि सरकारी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्नीक कॉलेजों में छात्रों की संख्या बढ़ी है।
समारोह की शुरूआत में उच्च शिक्षा सचिव श्रीमती शूचि शर्मा ने मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया और विभाग के क्रियाकलापों की जानकारी दी। एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वहां पॉलिटेक्नीक कॉलेजों में नवीन उपकरणों के लिए फण्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा वहां कौशल विकास की सुविधाएं भी दी जा रही हैं ताकि युवाओं को कुशल बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर दिए जा सकें।
इस अवसर पर कॉलेज शिक्षा आयुक्त श्री प्रदीप बोरड़, इलेट्स टेक्नोमीडिया के प्रमोटर श्री रवि गुप्ता, एनआईआईटी के चेयरमैन श्री राजेन्द्र पंवार, विभिन्न दूतावासों से आए राजदूत, विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं उच्च शिक्षा से जुड़े लोग उपस्थित थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने डिजिटल लर्निंग का विमोचन किया एवं संभाग स्तरीय स्मार्ट साइंस लैब की शुरूआत की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में पॉलिटेक्नीक कॉलेज एवं उच्च शिक्षा से जुड़े संस्थानों के छात्र-छात्राओं द्वारा किए जा रहे नवाचारों का अवलोकन किया और उनकी हौसला अफजाई की।