नयी दिल्ली। शहर की एक अदालत ने आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा कि वह छोटी मछलियों को पकड़ने के चक्कर में बड़ी मछलियां को हाथ से ना जाने दें। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ शर्मा ने 5,000 करोड़ रुपये के एक धनशोधन मामले में ईडी को दिल्ली के कारोबारी गगन धवन की दो दिन की हिरासत की मंजूरी देते हुए धवन को सरकारी गवाह बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने कहा कि धवन मामले में अब तक गिरफ्तार किया गया एक मात्र आरोपी है और छोटी मछलियों को पकड़ने के चक्कर में बड़ी मछलियों को हाथ से ना जानें दें। मामले में निश्चित रूप से कुछ बैंक अधिकारी भी शामिल होंगे। उनके भी पीछे पड़े। इससे पहले ईडी के विशेष सरकारी अभियोजक नीतेश राणा ने अदालत से कहा था कि दो मुख्य आरोपियों – स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड (एसबीएल) के निर्देशक नितिन एवं चेतन संदेसरा – के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियारत है। इसके बाद न्यायाधीश ने यह टिप्पणी की। धवन को उसकी सात दिन की हिरासत खत्म होने पर अदालत में पेश किया गया था और अभियोजक ने उससे पूछताछ के लिए सात और दिन की हिरासत की मांग की।
धनशोधन का मामला मामला गुजरात की एक फार्मा कंपनी तथा कुछ अन्य हवाला सौदों से संबंधित है। धवन को राष्ट्रीय राजधानी से धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गत 31 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था और दिल्ली की एक अदालत ने उसे एक नवंबर को सात दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया।वडोदरा की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक से संबंधित ऋण धोखाधड़ी तथा इसी तरह के कुछ अन्य गैरकानूनी लेनदेन की वजह से धवन एजेंसी के निशाने पर था। ईडी ने आरोप लगाया है कि धवन ने कंपनी के निर्देशकों की कई संपत्तियों की खरीद तथा अन्य चीजों में मदद की थी। उसे एसबीएल ग्रुप से 1.5 करोड़ रुपये मिले थे।आपराधिक शिकायत के आधार पर ईडी धवन द्वारा आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देने के कथित आरोपों की जांच कर रहा था। एजेंसी ने अगस्त में दिल्ली में धवन और एक पूर्व कांग्रेस विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी।सीबीआई ने हाल में स्टर्लिंग बायोटेक और उसके निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हाथी, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।