-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदेश में एफआईआर अनिवार्य करने से अपराध आंकड़े बढ़ाने के आरोपों पर किया पलटवार, आंकडे बढऩे से फर्क नहीं पड़ता।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के प्रदेश में अपराध मामले बढऩे के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, प्रदेश में एफआईआर को अनिवार्य किया है। अगर इससे अपराध आंकड़े बढ़ रहे हैं तो बढऩे दे। आंकड़े बढ़े तो फर्क नहीं पड़ता है, बल्कि पुलिस की प्राथमिकता पीडि़त व शिकायकर्ता को न्याय दिलाना होना चाहिए। गहलोत रविवार को तीन वर्ष के मौके पर विभिन्न विभागों के लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रमों में बोल रहे थे। अपराध आंकड़ों पर राजनीति करने वाले नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए गहलोत ने कहा कि आप आंकड़ों पर ध्यान मत दो। पीडि़तों की निष्पक्ष सुनवाई व न्याय होना चाहिए।
गहलोत ने मीडिया को लेकर कहा कि कुछ मीडिया वाले बिना सोचे समझे खबरें छाप देते हैं और स्टेटमेंट लगा देते हैं लेकिन मैं उन्हें कहूंगा कि मामले की सच्चाई में जाएं। फिर ही खबर छापे और आलोचना करें। हमारे इस फैसले से राजस्थान में अपराध मामलों में कमी आई है। गहलोत ने बलात्कार के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा पहले रेप केस में कोर्ट आदेश पर प्राथमिकी दर्ज होती थी। कोर्ट के आदेश से जांच होती थी। अब पुलिस थाने में मामला दर्ज व जांच शुरु हो जाती है। जो मामले पहले 33 फीसदी थे। अब घटकर पन्द्रह फीसदी रह गए। एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देकर माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन इसी रिपोर्ट में लिखा है कि अपराधों की वृद्धि और अपराधों के पंजीयन में अंतर है। देश भर में झूठे मुकदमे दर्ज होने का 37 फीसदी आंकड़ा राजस्थान में ही है, जो चिंता का विषय है। हमें देखना होगा कि झूठे मुकदमें दर्ज ना हो।
हमारी सरकार में पुलिस थानों में स्वागत कक्ष भी बनाए जा रहे हैं, ताकि शिकायत लेकर आने वाले व्यक्ति के साथ सही व्यवहार हो। पुलिस थाने में आने वाले हर व्यक्ति से सही और शालीनता से व्यवहार करें।