जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि वसुधा के लिए अपने अहम् का त्याग करें। समाज के विकास के लिए समन्वय से कार्य करें। त्यागपूर्वक उपभोग करें ताकि राष्ट्र के विकास में सभी का सक्रिय योगदान हो सके। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति त्यागमय है, इसलिए वसुधा के संतुलन को बिगड़ने ना दें।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को सांय यहां होटल मेरियट में अपना परिवार ग्लोबल के पाचवें वैश्विक व्यापार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री मिश्र, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा और पूर्व सांसद श्री सुनील शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राजस्थानवासियों में व्यावसायिक प्रतिभा है। उनकी प्रतिभा का कैसे उपयोग हो, इस पर सम्मेलन को चिंतन करना चाहिए। राजस्थान पूरे विश्व को आर्थिक दृष्टि से दिशा प्रदान करता है। यहां के लोग विश्व में अधिकांश स्थानों पर व्यापार करते है। राजस्थान में छोटे-छोटे उद्योगों और जनजाति क्षेत्र के लोगों के हस्तशिल्प उत्पादों को कैसे प्रोत्साहित किया जाए, इस पर भी गहन विचार- विमर्श किया जाना चाहिए।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि राजस्थान में उद्योग के विकास की संभावनाएं तलाशे। यहां के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने पर मंथन करें। गांव के लोगों को स्वावलम्बी बनाया जाएगा तो राष्ट्र सशक्त बनेगा।
समारोह को भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक पक्ष में संतुलन बनाकर चलना चाहिए। दूसरे व्यक्ति का अस्तित्व स्वीकार करना होगा, तब ही आत्म सम्मान होगा। कोई भी व्यक्ति, व्यक्ति से अलग नही हो सकता। क्रोध पर नियन्त्रण रखना आवश्यक है।
पूर्व सांसद सुनील शास्त्री ने कहा कि राजस्थान में उद्योग लगाये जाने पर विचार करना चाहिए। अपना परिवार ग्लोबल के सदस्यों को यहां उद्योग शुरू करने के लिए सुविधाएं मिल सकेगी। प्रारंभ में श्री रामकैलाश गुप्ता ने सम्मेलन की जानकारी दी। समारोह में दूसरे देशों से आए भारतीय व्यापारी सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।