-मंत्रिपरिषद का शोक प्रस्ताव
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद ने बीस सूत्री कार्यक्रम आयोजना, क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. दिगम्बर सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रिपरिषद ने उनके निधन पर भरतपुर जिले में शुक्रवार के राजकीय शोक की घोषणा की है।
मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया कि राजकीय शोक की अवधि में भरतपुर जिले के सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके (हाफ मास्ट) रहेंगे एवं राजकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। मंत्रिपरिषद ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्मा को श्रद्धांजलि दी। मंत्रिपरिषद द्वारा पारित शोक प्रस्ताव अविकल रूप से इस प्रकार है –
’’डाॅ. दिगम्बर सिंह का जन्म 01 अक्टूबर, 1951 ई. को जिला-भरतपुर, तहसील-नगर के बरखेड़ा फौजदार ग्राम में हुआ। आपने एम.बी.बी.एस. एवं डी.जी.ओ. की उच्च स्तरीय डिग्री राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से प्राप्त की।
आप छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय भावना और देश-प्रेम से प्रेरित रहे और प्रारम्भ से ही जनसेवा एवं चिकित्सा क्षेत्र में लोक कल्याण की भावना से प्रेरित होकर दीन-दुखियों के हितैषी रहे। चिकित्सक बनकर आपने दीन-दुखियों के दर्द को अपना दर्द समझते हुए सेवा की। आप 12वीं एवं 13वीं विधानसभा के सदस्य रहे। आपने वर्ष 2004 से 2008 तक राज्य सरकार में मंत्री पद का दायित्व सफलतापूर्वक निभाया।
राज्य के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए आपको वर्ष 1996 से 2004 तक क्षेत्रीय तिलहन उत्पादक सहकारी संघ लि. के अध्यक्ष पद तथा वर्ष 2015 में बीस सूत्री कार्यक्रम आयोजना, क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। जिसका आपने पूर्ण ईमानदारी, निष्ठा और कुशलतापूर्वक निर्वहन किया।
आपने अपने अन्य दायित्वों के साथ-साथ जाट आरक्षण, विशेषकर भरतपुर-धौलपुर के जाट आरक्षण, में भी सक्रिय भूमिका निभाई।आपके निधन से प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर-शांति और शोक संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में धैर्य एवं साहस प्रदान करे।’’
-जाट आरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई
मंत्री परिषद ने शोक प्रस्ताव में कहा कि डाॅ. सिंह ने अपने अन्य दायित्वों के साथ-साथ जाट आरक्षण, विशेषकर भरतपुर-धौलपुर के जाट आरक्षण में भी सक्रिय भूमिका निभाई।