– मोदी-शाह समेत 8 बड़े दिग्गज बने प्रस्तावक
नई दिल्ली. झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहे। द्रौपदी मुर्मू ने 4 सेटों में नामांकन दाखिल किया गया। द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, ललन सिंह, पशुपति पारस, रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद प्रस्तावक रहे। नामांकन दाखिल करने से पहले मुर्मू ने संसद में महात्मा गांधी, डॉ अंबेडकर और बिरसा मुंडा की मूर्तियों पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 29 जून को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।
द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं को फोन किया। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने नामांकन से पहले व्यक्तिगत रूप से सभी से बात की और समर्थन मांगा। हाल तीनों बड़े नेताओं ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। इससे पहले गुरुवार को द्रौपदी मुर्मू मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के घर पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन के लिए प्रस्तावक और समर्थक के तौर पर नॉमिनेशन पेपर पर हस्ताक्षर किए गए। शिवराज सिंह चौहान मुर्मू के नामांकन पत्र में पहले प्रस्तावक बने। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यह मेरा परम सौभाग्य है।’ आंध्र प्रदेश के जगनमोहन रेड्डी ने गुरूवार को ऐलान किया है कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। जगन बिजी शेड्यूल के कारण मुर्मू द्वारा नामांकन दाखिल करने में शामिल नहीं हो पाएंगे। हालांकि, राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी और लोकसभा सांसद मिधुन रेड्डी मौजूद रहेंगे।
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से आनेवाली आदिवासी नेता हैं। झारखंड की नौंवी राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। देश में अब तक आदिवासी समुदाय का कोई व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बन पाया है। महिला, दलित, मुस्लिम और दक्षिण भारत से आने वाले लोग राष्ट्रपति बन चुके हैं, लेकिन आदिवासी समुदाय इससे वंचित रहा है। ऐसे में यह मांग उठती रही है कि दलित समाज से भी किसी व्यक्ति को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाया जाए।
वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। अगले महीने की 25 तारीख को देश को नया राष्ट्रपति मिलेगा। 15 जून को नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। अगर चुनाव कराने की जरूरत पड़ती है, तो यह 18 जुलाई को कराए जाएंगे और 21 जुलाई को ही नतीजे आ जाएंगे।
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