जयपुर। स्विस ड्यूल एजुकेशन सिस्टम पर चलने वाली भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू), जयपुर ने आज भारत के पहले थ्रीडी प्रिंटर डेवलपर और एक स्टार्टअप कंपनी अहा थ्रीडी इनोवेशन्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू की घोषणा की। इस साझेदारी के तहत अहा थ्रीडी इनोवेशन्स, थ्री डी प्रिंटिंग लैब की स्थापना कर रहा है और इसके पहले चरण में, बीएसडीयू के छात्रों को थ्रीडी प्रिंटर बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दूसरे चरण में, एमओयू ने भारतीय बाजार के लिए विभिन्न मॉडलों के थ्रीडी प्रिंटर के निर्माण के लिए विद्यार्थियों की समझ का उपयोग करने की परिकल्पना की है। तीसरे चरण में, बीएसडीयू के छात्रों के लिए बीएसडीयू कैम्पस में थ्रीडी प्रिंटिंग पर एक आरएंडडी सेंटर स्थापित करना चाहता है।
बीएसडीयू के ट्रस्टी अध्यक्ष जयंत जोशी कहते हैं, ह्यभारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ड्यूल सिस्टम आॅफ स्किल्स एजुकेशन (स्विस ड्यूल सिस्टम) की एक अद्वितीय अवधारणा पर काम कर रहा है, जहां इंडस्ट्री विशेष के लिए सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान पर बल दिया जाता है। शिक्षा में ड्यूल सिस्टम को लाने का मकसद पारम्परिक शिक्षा प्रणाली की बजाय छात्रों को ह्यजॉब के लिए तैयार करना है। कौशल विकास के प्रति हमारे विजन और मिशन के अनुरूप यह समझौता ज्ञापन भी स्किल इंडिया इनशिएटिव में बीएसडीयू के योगदान को आगे ले जाना वाला साबित होगा।
अहा थ्रीडी इनोवेशन्स के संस्थापक आकाश कहते हैं, वर्तमान में थ्रीडी प्रिंटिंग मार्केट में वैश्विक रूप से 12 खरब डॉलर के विनिर्माण क्षेत्र की पूर्ण क्षमता है। इंडस्ट्री इंटेलीजेंस के अनुसार थ्रीडी प्रिंटिंग और प्रोटोटाइप टेक्नोलॉजी अगली बड़ी चीज है और इससे पारम्परिक बाजार बड़े पैमाने पर टूटेगा। एक बाजार आधारित इंटेलीजेंस समाधान फर्म 6डब्ल्यू रिसर्च के अनुसार वर्ष 2022 तक भारतीय थ्रीडी प्रोटोटाइप व मैटेरियल मार्केट 62 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। बीएसडीयू में हमारा उद्देश्य प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और तराशने का है, जिसका उपयोग राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर थ्रीडी प्रिंटिंग की आगामी बाजार मांग को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
बीएसडीयू के अध्यक्ष डॉ. एस. एस. पाब्ला कहते हैं, बीएसडीयू में हम ह्यएक मशीन पर एक छात्र की अवधारणा के साथ प्रशिक्षण का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। औद्योगिक आवश्यकताओं के आधार पर, हम हमारे बैचलर आॅफ वोकेशनल प्रोग्राम के तहत छात्रों के प्रतिभा पूल बनाते हैं। इसके लिए सख्त पाठ्यक्रम की बजाय लचीला पाठ्यक्रम अपनाया गया है। एक बार नामांकन होने के बाद प्रत्येक प्रशिक्षु को कार्यक्रम जारी रखने का मौका दिया जाता है, ताकि उन्हें अपने वार्षिकांक कम होने का नुकसान न सताए और यहां तक कि आॅफर मिलने पर वे इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्ट और जॉब को सुचारू रख सकें। थ्रीडी प्रिंटिंग की एप्लीकेशन की विनिर्माण, निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, कला, मोटर वाहन, फैशन और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों में अत्यधिक मांग है।