जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने करौली, सवाई माधोपुर और धौलपुर में सूखे के कारण किसानों की हालत गंभीर बताते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि इन क्षेत्रों के किसानों को तुरंत राहत प्रदान की जाये। गहलोत ने एक बयान में कहा है कि उपरोक्त तीनों जिलों में सूखे के कारण 60 से 70 प्रतिशत तक खेत सूख गये हैं। इन क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। करौली में गेहूं के लिए किसानों को 6-7 बार पानी देना पड़ता है जबकि सरसों व चना की फसलें, जिनसे उनको मजबूती मिलती है, वो भी पानी के अभाव में सूख रही हैं। हालात यहां तक पहुंच गये हैं कि किसानों के लिए जहां परिवार का पालन-पोषण करना दूभर दिखाई देने लगा है वहीं किसान अपने पशुओं को बेचने पर मजबूर हो रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि जानकारी में आया है कि नादौती, टोडाभीम, हिण्डौन और करौली का ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है। सवाई माधोपुर जिले की बाड़ी, बामनवास, खण्डार, वगड़ी, उदेई में सूखे के कारण दूर-दूर तक बंजर ही बंजर दिखाई दे रहा है। आने वाले कुछ दिनों में सरसों पकने लगेगी लेकिन उसको भी गिरता पारा नुकसान पहुंचा सकता है।
श्री गहलोत ने बताया कि धौलपुर जिले में सरमथुरा, बसेड़ी, बाड़ी और राजाखेड़ा भी सूखे की चपेट में हैं। यहां भी 60 से 70 प्रतिशत तक सूखा पड़ा है। बरैठा व मनिया की तरफ आलू की खेती होती है। लेकिन पानी के कारण ये खेती भी 50 प्रतिशत ही रह गई है। क्षेत्र में 5 से 7 हजार आवारा पशुओं से भी किसान परेशान है जिनके कारण बाड़ाबंदी करनी पड़ती है या खुद पहरा देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे हालात हो सकते हैं, सरकार को चाहिए कि सभी जिला कलेक्टर्स से रिपोर्ट लेकर पीड़ित किसानों को राहत पहुंचाये।