स्वाईन फ्लू स्क्रीनिंग का तीन दिवसीय सघन निरीक्षण अभियान सोमवार से
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने चिकित्सा विभाग के सभी चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों की निर्धारित समय पर स्वास्थ्य केन्द्रों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बिना अनुमति अवकाश पर रहने वाले, निर्धारित समय पर चिकित्सालय में अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण प्रदेश में स्वाईन फ्लू की प्रभावी रोकथाम के लिये 21 जनवरी से 23 जनवरी तक सघन निरीक्षण अभियान संचालित किया जायेगा।
डॉ. शर्मा ने स्वास्थ्य निदेशालय सहित सभी संयुक्त निदेशकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा ब्लॉक सीएमओं को अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से दौरे करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अनुपस्थित पाये जाने वाले चिकित्सा कर्मियों की सूचना मुख्यालय पर भेजने के साथ ही उनके विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वाईन फ््लू की गंभीरता को ध्यान में रखकर सभी चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के अवकाश निरस्त करने के निर्देश दिये हैं एवं अवहेलना करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
स्वाईन फ्लू स्क्रीनिंग में तत्परता बरतें
डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वाईन फ्लू की प्रभावी रोकथाम करने हेतु सम्पूर्ण प्रदेश में 21 जनवरी से 23 जनवरी तक सघन निरीक्षण अभियान संचालित किया जायेगा एवं सघन स्वाईन फ््लू संक्रमण की स्क्रीनिंग की जायेगी। इस अभियान के दौरान विशेष रूप से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों, 60 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं को तेज बुखार, जुकाम जैसे लक्षण प्रतीत होने पर उपचार प्रारम्भ किया जायेगा। स्वाईन फ््लू पॉजीटिव पाये जाने पर संबंधित के परिवार व पडौसियों के साथ ही उसके सम्पर्क में आये सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करने के कार्य में विशेष तत्परता बरतने के निर्देश दिये हैैं। बच्चों के पॉजीटिव मामलों में सम्बन्धित के विद्यालयों की भी स्क्रीनिंग कराने के निर्देश गये हैं। स्क्रीनिंग की क्रॉस वेरिफिकेशन कराने के साथ ही कमियां पाई जाने पर सम्बन्धित व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। प्रदेश के सभी मेड़िकल कॉलेज से सम्बन्धित अस्पतालों तथा अन्य सभी चिकित्सा संस्थानों में स्वाईन फ्लू के उपचार के लिये की गयी व्यवस्थाओं में विशेष गंभीरता बरती जा रही है। सभी चिकित्सा संस्थानों में स्वाईन फ्लू रोगियों के लिये अलग से आउट डोर व वार्ड के साथ ही समर्पित आईसीयू व वेन्टिलेटर आरक्षित किये गये हैं। उन्होंने स्वाईन फ्लू से ग्रसित व्यक्तियों के उपचार में विशेष गंभीरतने एवं उन्हें तुरंत आईसीयू निगरानी में लेकर समुचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
समय पर मिले जांच रिपोर्ट
चिकित्सा मंत्री ने स्वाईन फ्लू रोगियों की जांच रिपोर्ट समय पर मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। समय पर उपचार प्रारम्भ होने से स्वाई्न फ्लू के गंभीर खतरों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू की जांच प्रदेश की 12 प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है। सभी सातों राजकीय मेडिकल कॉलेज (जयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर व झालावाड) अस्पतालों में यह सुविधा राजकीय चिकित्सकों के परामर्श पर निःशुल्क उपलब्ध है। इन सात के अतिरिक्त जोधपुर के डीएमआरसी तथा चार निजी प्रयोगशालाओं डॉ. लाल पैथ लैब, एसआरएल, बी लाल एवं कृष्णा लैब में भी स्वाईन फ्लू जांच की सुविधाएं उपलब्ध है।
दवा की पर्याप्त उपलब्धता
डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सा संस्थानों में स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए आवश्यक टेमीफ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। चिकित्सकों को स्वाईन फ्लू के लक्षण प्रतीत होने पर कैटेगिरी के अनुसार तत्काल यह दवा देने के निर्देश दिये जा चुके हैं।
लक्षण प्रतीत होते ही परामर्श लेने की अपील
चिकित्सा मंत्री ने प्रदेशवासियों से स्वाईन फ्लू के लक्षण प्रतीत होते ही निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान में चिकित्सक से परामर्श के अनुसार पूरा उपचार करवाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि स्वाई्न फ्लू से डरने की नहीं, बल्कि समय पर परामर्श लेकर जांच और उपचार कराने की आवश्यकता है। उन्होेने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी।