– मुख्य सचिव सहित अन्य अफसरों से मांगा जवाब
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा है कि अफसरों की लापरवाही के चलते नई पीढ़ी के भविष्य को खराब नहीं होने दिया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने आदेश की पालना में लापरवाही बरतने पर मुख्य सचिव, प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव और विवि के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश रामबक्क्ष सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 25 अक्टूबर 2016 को अदालत ने विवि में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए छह माह समय दिया था। ऐसे में तीस अप्रैल तक 2017 तक नियुक्तियां पूरी करनी थी। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा था कि छह माह के बाद और समय नहीं दिया जाएगा। इसके बावजूद विवि की ओर से 11 मई 2017 को भर्ती पूरी करने के लिए समय मांगा गया। अदालत की ओर से समय देने के बावजूद अब तक कई पदों के लिए प्रक्रिया तक आरंभ नहीं हुई है। विद्यार्थी फीस देने के बावजूद भी अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में मुख्य सचिव, प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव और विवि रजिस्ट्रार दस मई तक अपना जवाब पेश करें। जनहित याचिका में राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षक सहित अन्य खाली पडे पदों का मुद्दा उठाया गया था।