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कोलकाता। सरकारी योजना के तहत स्कूली बच्चों को स्कूल में खाना खिलाने की एक योजना है जिसे मिड-डे-मील कहा जाता है। मगर यह योजना भी स्कूल के एक प्रधानाध्यपक के लिए काली कमाई का जरिया बन गई और उसने इसमें 16 लाख रुपए का घपला कर डाला। जब ऑडिट में उस प्रधानाध्यापक की चोरी पकड़ी गई तो उसे गिरफ्तार किया गया। मालदा जिले के माशालदिघी शिवाव्रती विद्यापीठ हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक पर आरोप हैं कि उसने सात लाख रुपये के चावल बेच दिए जो मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों के लिए आए थे।

इसके अलावा उसने अन्य गतिविधियों से स्कूल को नौ लाख रुपये का नुकसान भी पहुंचाया। स्कूल की नियामक संस्था के अध्यक्ष ज्योतिषचंद्र मंडल ने कहा, कुल मिलाकर 16 लाख रुपये का घपला किया गया है। हाल में हुए ऑडिट से पता चला कि पैसा किसी के खाते में नहीं डला है। यह घपला जनवरी, 2012 से जुलाई 2015 के बीच में किया गया है। स्कूल की नियामक संस्था ने इस बात की जानकारी ब्लॉक विकास अधिकारी को दी और गुरुवार को प्रधानाध्यापक के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

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