-प्रमुख सेवाएं : क्षेत्रवार प्रदर्शन और सरकार की हाल की कुछ नीतियां जिससे विकास में तेजी आई
delhi. केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत के सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 55.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सेवा क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास का मुख्य घटक बना रहा। 2017-18 के सकल मूल्य वर्धन में सेवा क्षेत्र का 72.5 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। जबकि सेवा क्षेत्र के 8.3 फीसदी की दर से वृद्धि करने की संभावना है। 2017-18 में सेवा क्षेत्र में निर्यात के 16.2 प्रतिशत रहा। डिजिटलीकरण, ई-वीजा, लॉजिस्टिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचा, स्टार्टअप, हाउसिंग क्षेत्र की योजना सहित कई योजनाएं शुरू की है जिससे सेवा क्षेत्र में तेजी आने की उम्मीद है।
-पर्यटन
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन (दिसंबर 2017) के अनुसार 2016 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन कुल मिलाकर 1.2 बिलियन तक पहुंच गया जो पिछले वर्ष की तुलना में 46 मिलियन अधिक रहा। हालांकि 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर 2015(4.6प्रतिशत) की तुलना में मामूली सी कम थी। भारत में 2016 में 8.8 मिलियन विदेशी पर्यटक आए। (9.7 प्रतिशत) वृद्धि हुई है और 22.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्राप्ति हुई (8.8 प्रतिशत) की वृद्धि। वृद्धि के साथ पर्यटन क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। पर्यटन मंत्रालय के आंकडों के अनुसार 2017 के दौरान 15.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.2 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ जबकि 2016 की तुलना में 20.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 27.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित की गई। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई उपाय किए है। हाल ही में उठाए गए कदमों में 163 देशों के नागरिकों के लिए पर्यटकों/मेडिकल एवं बिजनेस की तीन श्रेणियों के अंतर्गत ई-वीजा की शुरूआत की गई। विभिन्न चैनलों पर 2017-18 के लिए ग्लोबल मीडिया अभियान की शुरूआत भारत में विश्व धरोहर स्थलों को लोकप्रिय बनाने के लिए ‘द हेरिटेज ट्रेन’, भारतीयों का अपने देश के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से ‘देखों अपना देश’ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
-सूचना प्रौद्योगिकी – बीपीएम सेवाएं
9.19 भारत की सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीएम में 8.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई और नासकॉम के आंकडों के अनुसार 2015-16 में 129.4 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2016-17 में 139.9 बिलियन अमरीकी डॉलर (ई-कॉमर्स तथा हार्डवेयर को छोड़कर) हो गया। आईटी-बीपीएम निर्यातों में 7.6 प्रतिशत वृद्धि हुई और इसी अवधि के दौरान यह 107.8 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 116.1 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। 2016-17 में ई-कॉमर्स बाजार में 19.1 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ व्यापार तकरीबन 33 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है। बहरहाल, आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, सॉफ्टवेयर निर्यातों में वर्ष 2016-17 में (-) 0.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। 217-18व पहली छमाही में इसमें 2.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ। अमेरिका-इंग्लैंड यूरोपियन यूनियन देशों के आईटी-आईटीईएस निर्यातकों ने तकरीबन 90 प्रतिशत का योगदान है। हालांकि इन पारंपरिक देशों में नई चुनौतियां उभरकर सामने आ रही है। इपेक लैटिन अमेरिका और मिडल ईस्ट एशियाई देशों से मांग बढ़ रही है और यूरोप महाद्वीप जापान, चीन, अफ्रीका में विस्तारण के लिए औसत प्राप्त हो रहे हैं।
-स्वास्थ्य संपदा और आवासन
स्वास्थ्य संपदा क्षेत्र का हिस्सा जिसमें मकानों का स्वामित्व भी शामिल है, 2015-16 में भारत की संपदा जीवीए का 7.7 प्रतिशत था, पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र की विभिन्न कमी आई है जो कि 2013-14 में 7.5 प्रतिशत से कम होकर 2014-15 में 6.6 प्रतिशत हो गई और यहां 215-16 में और घटकर 4.4 प्रतिशत हो गई। ऐसा मुख्यतः रिहाइशी क्षेत्र के स्वामित्व की वृद्धि के कारण हुआ जो कि समग्र जीवीए का 6.8 प्रतिशत था जो 2013-14 में 7.2 प्रतिशत घटकर 2015-16 में 3.2 प्रतिशत हो गया। निर्माण क्षेत्र जिसमें इमारतें, बांध, पुल, सड़क इत्यादि शामिल है, की वृद्धि में कमी आई जो 2015-16 में 5.4 प्रतिशत से कम होकर 2016-17 में 1.7 प्रतिशत रह गया। हालांकि भारतीय रियल स्टेट निवेश के मामले में बढ़ोत्तरी करता हुआ दिख रहा है। 2017 के दौरान इस क्षेत्र में 257 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ जो कि 2016 की तुलना में दुगना है।
-अनुसंधान और विकास
अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) के लिए अलग से कोई शीर्षक नहीं है जिसमें व्यवसायिक, वैज्ञानिक तकनीकी गतिविधियों की हिस्सेदारी होती है। इन सेवाओं में क्रमशः 2014-15 और 2015-16 में 17.5 प्रतिशत और 41.1 की वृद्धि हुई है। भारत आधारित आर एंड डी सेवाओं में 22 प्रतिशत की वैश्विक बाजार की हिस्सेदारी से 12.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आर एंड डी क्षेत्र में भारत का कुल खर्च जीडीपी का लगभग एक प्रतिशत है। ग्लोबल इन्वेशन इंडेक्स (जीआईआई) 2017 में भारत 127 देशों में 60वें स्थान पर है। 2016 में यह 66th वें पायदान पर था।
-अंतरिक्ष
उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है। मार्च 2017 में 254 उपग्रहों के के प्रक्षेपण के साथ भारत ने सैटलाइट के क्षेत्र में मिसाल कायम की। इससे भारत को काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई। 2015-16 और 2016-17 क्रमशः 394 करोड़ और 275 करोड़ रूपये का उपग्रह प्रक्षेपण से राजस्व हासिल हुआ। इसी तरह 2014-15 में 149 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ। वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण से प्राप्त होने वाले राजस्व में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसमें 2015-16 में 1 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। 2014-15 में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।