पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर के बरी होने के खिलाफ पीड़िता एवं सीबीआई ने की है अपील
जयपुर। सरकारी बंगले पर बुलाकर परिचित महिला के साथ मारपीट व दुष्कर्म करने के मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी होने के खिलाफ पीड़िता एवं सीबीआई की ओर से दायर की गई अपील को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर आरोपी रहे पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर को जमानती वारंट से तलब किया है।
सीबीआई और पीडिता ने हाईकोर्ट को बताया कि जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-2 ने 3० जनवरी, 2०17 को नागर को दुष्कर्म प्रकरण से संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। जबकि अभियोजन पक्ष के पास नागर के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद थे। चिकित्सीय साक्ष्य के साथ ही पीडिता के बयान से भी साबित है कि नागर ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। महिला की ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने पीडिता के पूर्व चरित्र के आधार पर नागर को लाभ दिया है। माना गया कि पीडिता के नागर से पूर्व से संबंध चले आ रहे थे। ऐसे में हो सकता है कि कपडो पर सीमन घटना से पहले का हो।
11 सितंबर को हुई घटना को लेकर कोर्ट के आदेश से 13 सितंबर, 2०13 को सोडाला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। सीबीआई ने 9 अक्टूबर, 2०13 को नागर को गिरफ्तार कर चालान पेश किया था।