Why not give reservation to ADAJ recruitment in 2016: High Court

जयपुर। तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2018 लेवल1 की भर्ती सिर्फ रीट के अंकों के आधार पर करने के मामले में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अदालत में पेश हुए। उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि विभाग की ओर से भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 9 मई तक टाल दी है।
न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश महेन्द्र कुमार जाटोलिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के बीस हजार पदों पर गत दिनों भर्ती निकाली है। जिसके चयन में केवल रीट के अंकों को आधार बनाया गया है। जबकि एनसीटीई की 11 फरवरी 2011 की अधिसूचना के तहत रीट के अंकों को केवल भर्ती में वेटेज दिया जा सकता है। याचिका में यह भी कहा गया कि रीट.2015 में 14 अंक बोनस के दिए गए और परीक्षा परिणाम 48 फीसदी रहा। जबकि रीट.2017 में परिणाम 35 फीसदी रहा।

इसके साथ ही इसके सात विवादित प्रश्नों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसे में यदि रीट के अंकों के आधार पर ही भर्ती की गई तो इसका सारा लाभ वर्ष 2015 में हुई रीट के अभ्यर्थियों को ही सारा लाभ मिल जाएगा। याचिका में गुहार की गई है कि लिखित परीक्षा या स्कैलिंग के जरिए शिक्षक भर्ती आयोजित की जाए।

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