जयपुर। बदलते परिवेश के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) क्षेत्र को नवीन तकनीकें अपनाने की आवश्यकता महत्वपूर्ण हो गई है। अब उद्योगों में एक्स्पोनेंशियल ग्रोथ के लिये नये युग के प्रगतिशील विचारकों को लाने और इनोवेशन को बढ़ावा दिए जाने की भी आवश्यकता है। यह कहना था राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग, डॉ. सुबोध अग्रवाल का। वे आज होटल आईटीसी राजपूताना में ‘बिल्डिंग एमएसएमईजः पोटेंशियल एंड पॉसेबिलिटीज‘ विषय पर आयोजित एमएसएमई समिट में सम्बोधित कर रहे थे।अग्रवाल ने आगे कहा कि इस उद्योग के लीडर्स एवं हितधारकों के मध्य के अंतराल को समाप्त करने के लिए ‘डिस्प्यूट रेजोल्यूशन कमेटी‘ के जरिए मजबूत सकारात्मक वार्तालाप को नियमित बनाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार राजस्थान में व्यापार को सुगम बनाने के लिए सरकार ‘सिंगल विंडो सिस्टम‘ को मजबूत करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। राजस्थान सरकार के आयुक्त, उद्योग, डॉ. के. के. पाठक ने कहा कि जिम्मेदारीपूर्ण विकास को बढ़ावा देना वर्तमान समय की जरूरत है। सतत विकास को प्राप्त करने के लिए तकनीक का उपयोग करके एमएसएमई क्षेत्र संतुलित विकास प्राप्त कर सकता है। फिक्की राजस्थान राज्य स्टेट काउंसिल के सदस्य एवं आरसीसीआई के महासचिव, डॉ. के. एल. जैन ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र देश में लगभग 15-20 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। यह क्षेत्र भारत की जीडीपी में 8 प्रतिशत का योगदान देता है और इसने राजस्थान में 15 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं। इस क्षेत्र में परिवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एग्रो प्रोससिंग के साथ-साथ कॉम्पोनेंट बेस्ट ग्रोथ को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बड़े उद्योगों को चाहिए की वे छोटी व्यावसायिक इकाइयों के साथ मिलकर कार्य करे और उनकी वित्तीय बाधाओं एवं अत्यधिक प्रतिस्पर्धा से निपटने में मदद करनी चाहिए।
एमएसएमई के महत्व की जानकारी देते हुए भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक, विजुय रोंजन ने कहा कि एमएसएमई विकास को आगे बढ़ाने वाला इंजन है, जो बड़े पैमाने पर रोजगार उत्पन्न करने तथा विकास एवं निर्यात के संदर्भ में आर्थिक स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है। इसी प्रकार यह समावेशी विकास को भी प्रोत्साहित करता है। एमएसएमई के लिए तुलनात्मक रूप से सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती है और अतिरिक्त खर्चे कम होते हैं। फिक्की राजस्थान काउंसिल के अध्यक्ष एवं मंडावा होटल्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक, रणधीर विक्रम सिंह ने कहा कि देशभर में रोजगार के अवसर उत्पन्न कर एमएसएमई ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के औद्योगिक विकास में मदद कर रहा है। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल की एमएसएमई उप-समिति के चेयरमेन व एसएमई कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, रजनीश सिंघवी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के प्रमुख,अतुल शर्मा द्वारा सत्र का संचालन किया गया। इस अवसर पर रिसर्जेंट इंडिया द्वारा किए गए एनॉलिसिस ‘एमएसएमईज: टुवर्ड्स अ सस्टेनेबल ग्रोथ’ का गणमान्य लोगों द्वारा विमोचन भी किया गया। उद्घाटन सत्र के पश्चात् दो प्लेनरी सैशंस – ‘एनहांन्सिंग द कॉंपिटिटीव्नेस ऑफ एमएसएमईज्‘ और ‘एक्सेस टू अफोर्डेबल क्रेडिट एंड रिस्क मैनेजमेंट‘ पर भी आयोजित किए गए।