दिल्ली. भारत के चुनाव आयोग द्वारा आज नई दिल्ली में मतदाता जागरूकता मंच (वीएएफ) की शुरूआत की गई। राज्यों की राजधानियों में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा और जिलों में जिला चुनाव अधिकारियों द्वारा इसी प्रकार के वीएएफ की एक साथ शुरूआत की गई। मतदाता जागरूकता फ़ोरम, एक अनौपचारिक मंच है जो कि चर्चाओं, क्विज़, प्रतियोगिताओं और अन्य आकर्षक गतिविधियों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया के बारे में जागरूकता पैदा करता है। इस संगठन के सभी कर्मचारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अध्यक्ष के रूप में काम करने वाले संगठन प्रमुख के साथ ही वीएएफ के सदस्य बनें।
आज नई दिल्ली स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र में, भारत सरकार के 44 मंत्रालयों, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फीक्की) के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, आयोग ने उनसे तुरंत वीएएफ की स्थापना करने और मतदाता सूची में सभी कर्मचारियों और अधिरियों के लिए नामांकन की सुविधा प्रदान करने का आह्वान किया।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि संविधान के संस्थापकों को हमारे देश की नागरिकता में स्वाभाविक रूप से विश्वास था और इसलिए उन्होंने भारतीय लोगों को सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का तोहफा प्रदान किया, जबकि अन्य लोकतंत्रों को इस प्रकार के अधिकार को अपने देश के सभी नागरिकों तक पहुंचाने में वर्षों लग गए। “इसलिए यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इस अधिकार के मूल्य को समझें और इसे संरक्षित करें और इस प्रयास में मतदाता जागरूकता मंच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है” श्री अरोड़ा ने कहा। उन्होंने नोडल अधिकारियों को वीएएफ के उद्देश्यों के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने के लिए कहा, जिसका उद्देश्य पहले चरण यानी मतदाता पंजीकरण से शुरू होकर सूचना प्रदान करना और नैतिक चुनावी भागीदारी को बढ़ावा देना है।
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि हजारों गुमनाम और चेहराविहीन सरकारी अधिकारी विभिन्न क्षमताओं और भूमिकाओं के साथ चुनावी प्रक्रिया को पूरा करने का काम करते हैं। अधिकारियों को “लोकतंत्र का राजदूत” बताते हुए और उन्हें बधाई देते हुए, श्री लवासा ने कहा कि नोडल अधिकारी के रूप में, अब उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी प्रदान की गई है कि वे अपने कार्यस्थल पर सहकर्मियों और कर्मचारियों को शिक्षित करें और मंत्रालय और विभागों के सभी सदस्यों को चुनाव की प्रक्रिया में नामांकन से लेकर वोट दिलाने तक के सभी अधिकारों से उन्हें परिचित करवाएं।
इससे पहले, इस अवसर पर बोलते हुए, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त ने सभी उपस्थित लोगों को आयोग द्वारा स्वीकार किए गए ‘मतदाता सत्यापन और सूचना’ अभियान के बारे में जानकारी दी और और वीएएफ को निर्देश दिया कि सदस्यों को ईसीआई के ऑनलाइन पोर्टल, एनवीएसपी के द्वारा और मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 के माध्यम से मतदाता सूची मेंउनके नाम और विवरण के जांच की सुविधा प्रदान की जाए।
आधे दिन की ब्रीफिंग का आयोजन, विभिन्न मंत्रालयों और संघों के अधिकारियों को मतदाता जागरूकता मंच की अवधारणा को समझाने और वीएएफ के नोडल अधिकारी के रूप में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित किया गया। इसी प्रकार का ब्रीफिंग सत्र का आयोजन पूरे देश में, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा किया गया, जहां पर विभागों के नोडल अधिकारियों, विभागों, गैर-सरकारी विभागों, सीएसओ, कॉर्पोरेट और मीडिया हाउस को जानकारी प्रदान किया गया।
वीएएफ, निर्वाचन आयोग के इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब प्रोग्राम का एक हिस्सा है। 8वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर, 25 जनवरी, 2018 को इसकी शुरूआत की गई, जिसमें प्रत्येक शिक्षण संस्थान में निर्वाचन साक्षरता क्लब और चुनावी पाठशाला की स्थापना करने की परिकल्पना की गई। इस कार्यक्रम की शुरूआत के प्रथम वर्ष में ही, देश भर में लगभग 2.11 लाख ईएलसी की स्थापना की जा चुकी है।