जयपुर। जेडीए इंजीनियर्स की मिलीभगत से राजधानी जयपुर के पृथ्वीराजनगर क्षेत्र के सेक्टर रोड पर अण्डरग्राउण्ड हाईटेंशन केबल डालने के कार्यों में जमकर फजीर्वाड़ा हो रहा है। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा सेक्टर रोड पर अंडरग्राउण्ड हाईटेंशन केबल डालने के कार्यों में न केवल मापदण्डों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, बल्कि खुलेआम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर जेडीए अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा की मेहरबानी इस कदर बरस रही है कि फर्म की ओर से अंडरग्राउण्ड केबल डालने में किए जा रहे फजीर्वाड़े भी इन अधिकारियों को नजर नहीं आ रहे। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा पृथ्वीराजनगर क्षेत्र के तीन सेक्टर रोड पर अंउरग्राउण्ड केबल डालने और शिफ्टिंग और स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य किया जा रहा है। फर्म द्वारा न्यू सांगानेर रोड से पत्रकार कॉलोनी 100 फीट रोड, महारानी गार्डन से मांग्यावास 100 फीट रोड और न्यू सांगानेर रोड से मुहाना मंडी रोड वाया सरस्वती कॉलोनी रोड पर अंडरग्राउण्ड केबल डालने और शिफ्टिंग का कार्य किया जा रहा है। इन तीनों सेक्टर रोड पर फर्म द्वारा 33 केवी, 11 केवी एचटी लाइन, एलटी लाइन अंडरग्राउण्ड केबल डालने के साथ ही सर्विस कनेक्शन और स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य किया जा रहा है। मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा इन कार्यों में जमकर फजीर्वाड़ा किया जा रहा है। फर्म द्वारा 33 केवी और 11 केवी की जो एचटी अंडरग्राउण्ड केबल डाली जा रही है, उनकी गहराई निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नहीं है। मापदण्डों के अनुसार एचटी अंडरग्राउण्ड केबल 4 फीट की गहराई पर डाली जानी थी, लेकिन फर्म द्वारा 2 फीट की गहराई पर ही अंडरग्राउण्ड केबल डाल दी गई है। अंडरग्राउण्ड केबल डालने के दौरान फर्म द्वारा न तो ट्रैंच में सेण्डबैड बनाया गया और न ही एचटी केबल पर ईंटों की कवरिंग बनाई गई। फर्म की ओर से 2 फीट की गहराई पर ही अंडरग्राउण्ड एचटी केबल डालने के बाद भी जेडीए इलेक्ट्रिक विंग के इंजीनियर्स को घटिया कार्य नजर नहीं आया। इतना ही नहीं घटिया कार्यों को लेकर जेडीए में शिकायत होने के बाद भी इंजीनियर ठेका फर्म पर कार्रवाई की बजाए फर्म को घटिया कार्यों को सही ठहराने में जुटे हुए हैंै। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग इंजीनियर्स की ही मेहरबानी थी की पहले तो मैसर्स एमआरआर को करोड़ों रूपए के अंडरग्राउण्ड केबल डालने, शिफ्टिंग करने और स्ट्रीट लाइटों का काम दे दिए गए और अब इन कार्यों में फर्म द्वारा जमकर फजीर्वाड़ा करने के बाद भी जेडीए की ओर से घटिया कार्यों को लेकर फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इतना ही नहीं फर्म के घटिया कार्यों को छुपाने और फर्म को बचाने के लिए जेडीए इलेक्ट्रिक विंग अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा अपने पावर का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा की ही मेहरबानी रही थी कि पहले गलत तरीके से सड़क की चैड़ाई 20 से 30 फीट बढ़ाकर मैसर्स एमआरआर से 15 करोड़ की लागत के 11 केवी एचटी लाइन, एलटी लाइन अंडरग्राउण्ड केबल डालने के साथ ही सर्विस कनेक्शन और स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य करवाए गए और अब फिर से सड़क की चैड़ाई 80 फीट कर उसी फर्म से दुबारा वहीं कार्य करवाया जा रहा है। मैसर्स एमआरआर से ही यह कार्य करवाने के लिए रेट कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने के बाद भी जेडीए इलेक्ट्रिक अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा द्वारा नए टेंडर लगाने की बजाए फर्म का रेट कॉन्ट्रेक्ट बढ़ा दिया और फिर चहेती फर्म मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स को 8 करोड़ के काम सौंप दिए। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग इंजीनियर्स की मेहरबानी यहीं नहीं रूका, बल्कि आचार संहिता लगने के बाद भी बैकडेट में फर्म को एक ही दिन में तकनीकी स्वीकृति जारी कर उसी तारीख में करोड़ों रूपए के अन्य कार्य के वर्क आॅर्डर भी जारी कर दिए।
घोटालों को छुपाने के लिए आरटीआई का भी नहीं दे रहे जवाब
जेडीए में मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर मेहरबानी का खेल इस कदर चल रहा है कि इलेक्ट्रिक विंग के इंजीनियर फर्म के गबन और फजीर्वाड़ों पर कार्रवाई करना तो दूर, बल्कि फर्म के फजीर्वाड़ों को छुपाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। फर्म की ओर से किए गए फजीर्वाड़ों को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता भवानी सिंह द्वारा मांगी गई जानकारी का जवाब भी नहीं दे रहे। आरटीआई में भवानी सिंह की ओर से फर्म के कार्यों से जुड़ी पत्रावली और भुगतान से संबंधित जानकारी मांगी गई थी, लेकिन जेडीए इलेक्ट्रिक विंग के उच्च अधिकारियों ने अपनी अधीनस्थ को आरटीआई में फर्म के कार्यों की पत्रावलियां और भुगतान से संबंधित सूचना देने से मना कर दिया। जेडीए में मैसर्स एमआरआर के फजीर्वाड़ों को छुपाने में आखिरकार जेडीए इलेक्ट्रिक विंग इंजीनियर्स का क्या फायदा है, जो फर्म को बचाने के लिए आरटीआई में जानकारी नहीं दे रहे।
आखिर कब होगी घटिया कार्यों को लेकर एमआरआर पर कार्रवाई ?
जेडीए में मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा एक के बाद एक किए जा रहे घटिया और फजीर्वाड़े के मामले सामने आने के बाद भी इंजीनियर्स द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। करोड़ों रूपए के कार्यों में फजीर्वाड़ा और गबन सामने आने के बाद भी जेडीए के अधिकारियों के कानों में कार्रवाई के नाम पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जेडीए में फजीर्वाड़ा करने वाली फर्म को कार्रवाई से आखिर कौन बचा रहा है ? और किसके आशीर्वाद से अधीक्षण अभियंता सुरेश मीणा द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स पर इतनी मेहरबानी की जा रही है। जेडीए इलेक्ट्रिक विंग में चल रहे करोड़ों रूपए के फजीर्वाड़े के खेल को लेकर जेडीसी सहित जेडीए के आलाधिकारी क्यों मौन है ? क्या जेडीए में चल रहा करोड़ों का खेल कहीं ऊपर से नीचे तक मिलीभगत का संस्थागत भ्रष्टाचार तो नहीं है, जो जेडीए में एक और नए भ्रष्टाचार को जन्म दे रहा है। क्या जेडीए में भ्रष्टाचार और मिलीभगत का ये खेल इसी तरह पनपता रहेगा, क्या जेडीसी इस पूरे मामले में कोई ठोस कार्रवाई करेंगे या फिर भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जेडीए इसी तरह से बदनाम होता रहेगा।
सुपरविजन किसका, जेडीए-जयपुर डिस्कॉम इंजीनियर्स को नहीं जानकारी
जेडीए इलेक्ट्रिक विंग में चल रहे अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों के सुपरविजन का चार्ज जेडीए की ओर से जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को किया जाता है। इसके बदले में जेडीए की ओर से अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों का सुपरविजन किया जाता है। लेकिन पृथ्वीराजनगर के सेक्टर रोड पर अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों के सुपरविजन की जिम्मेदारी जयपुर डिस्कॉम अधिशाषी अभियंता सिटी डिविजन-6 बी.एल. गुप्ता, सहायक अभियंता मानसरोवर राजीव अग्रवाल, सहायक अभियंता एचटीएम-6 राजेश गुप्ता की है, लेकिन सुपरविजन कार्यों की मॉनीटरिंग के अभाव में जेडीए इंजीनियर्स की मिलीभगत से मैसर्स एमआरआर इलेक्ट्रिकल्स द्वारा अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों में जमकर फजीर्वाडा करने के साथ ही घटिया गुणवत्ता के कार्य किए जा रहे हैंै। फर्म द्वारा अंडरग्राउण्ड हाईटेंशन केबल 2 फीट की गहराई पर बिना ईंटों की कवरिंग के ही डाल दी, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। दूसरी ओर जयपुर डिस्कॉम के सुपरविजन का कार्य देख रहे इंजीनियर्स को उनकी जिम्मेदारी की कोई जानकारी ही नहीं है। जयपुर डिस्कॉम सहायक अभियंता एचटीएम-6 राजेश गुप्ता का कहना है कि अभी जेडीए द्वारा ही कार्य करवाया जा रहा है और सुपरविजन की जिम्मेदारी भी उनकी ही है। जयपुर डिस्कॉम को हैण्ड ओवर करने के बाद हम सुपरविजन का कार्य देखेंगे। वहीं जयपुर डिस्कॉम अधिशाषी अभियंता सिटी डिविजन-6 बी.एल. गुप्ता का कहना है कि हाईटेंशन अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों के सुपरविजन की जिम्मेदारी हमारी है, मैं संबंधित एईएन से पता करवाता हूं। वहीं सहायक अभियंता मानसरोवर राजीव अग्रवाल का कहना है कि जेडीए से हैण्डओवर और टेकओवर होने के बाद जयपुर डिस्कॉम की सुपरविजन की जिम्मेदारी बनती है और तभी ही निर्धारित मापदण्डों पर हाईटेंशन केबल डाली गई है या नहीं इसकी जांच करेंगे। ऐसे में अब सवाल उठता है कि जब जयपुर डिस्कॉम के मापदण्डों के अनुसार और सुपरविजन में केबल डाली ही नहीं गई तो फिर केबल को जयपुर डिस्कॉम ने चार्ज कैसे कर दिया, बिना जांच किए ही।
इनका कहना है
अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों के सुपरविजन की जिम्मेदारी जयपुर डिस्कॉम की है। अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों में कोई कमीं है तो संबंधित जेडीए एक्सईएन को बताओं वो ठीक करवाएंगे। वैसे सुपरविजन का कार्य जयपुर डिस्कॉम इंजीनियर देख रहे हैं।
– सुरेश मीणा, अधीक्षण अभियंता, इलेक्ट्रिक विंग, जेडीए
हाईटेंशन अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों के सुपरविजन की जिम्मेदारी जयपुर डिस्कॉम की है। अंडरग्राउण्ड केबल निर्धारित गहराई पर नहीं डाली जा रही है। संबंधित सहायक अभियंता राजेश गुप्ता व राजीव अग्रवाल को बोलकर दिखवाता हूं।
– बी.एल.गुप्ता, अधिशाषी अभियंता सिटी डिविजन-6, जयपुर डिस्कॉम
पत्रकार कॉलोनी रोड पर अंडरग्राउण्ड केबल डालने का कार्य जेडीए द्वारा करवाया जा रहा है। अंडरग्राउण्ड केबल डालने के कार्यों के सुपरविजन की जिम्मेदारी जेडीए की है। जयपुर डिस्कॉम को हैण्डओवर करने के बाद सुपरविजन का कार्य हम देखेंगे।
– राजेश गुप्ता, सहायक अभियंता एचटीएम-6, जयपुर डिस्कॉम
जेडीए से हैण्डओवर और टेकओवर होने के बाद जयपुर डिस्कॉम की सुपरविजन की जिम्मेदारी बनती है और तब ही निर्धारित मापदण्डों पर हाईटेंशन केबल डाली गई है या नहीं इसकी जांच करेंगे। अभी सुपरविजन कार्यों की जिम्मेदारी जेडीए इंजीनियर्स की है।
– राजीव अग्रवाल, सहायक अभियंता सिटी डिविजन-6, मानसरोवर, जयपुर डिस्कॉम