नई दिल्ली। कहने को तो केन्द्र के साथ राज्यों की सरकारें खेलों के नाम पर खासी रकम खर्च कर रही है। फिर भी खिलाडिय़ों को यह राशि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इसका एक स्पष्ट उदाहरण भारत की पैरा-एथलीट कंचनमाला पांडे के मामले में देखा जा सकता है। जहां सरकार द्वारा सहायता राशि समय पर नहीं पहुंचने से उसे बर्लिन में भीख मांगने को मजबूर होना पड़ रहा है।
मामला जब सामने आया तो देश में खलबली मच गई। भारतीय शूटर अभिनव बिंद्रा ने टिवट करते हुए घटना की आलोचना की ओर पीएम मोदी व खेल मंत्री विजय गोयल से हस्तक्षेप कर मामले की जांच कराने की मांग की।
-आंखें नहीं फिर भी बेहतरीन तैराक
पैरा एथलीट कंचनमाला हालांकि आंखों से देख नहीं सकती, लेकिन तैराकी में वह अपना एक अलग ही मुकाम रखती है। यही वजह रही कि बर्लिन में पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए सरकार ने उसे बर्लिन भेजा था। एस 11 कैटेगरी की तैराक कंचनमाला फ्री स्टाइल, बैक स्ट्रोक, ब्रेस्ट स्ट्रोक सभी प्रकार से तैर सकती है। वल्र्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में क्वालिफाई करने वाली वह अकेली महिला तैराक है।
-नहीं मानी हार
सरकार व खेल अथॉरिटी की खामियों के चलते सहायता राशि उसे नहीं मिल पाई। ऐसे में पैसा नहीं होने के कारण उसे बर्लिन सरीखे अनजान शहर में भीख मांगने को मजबूर होना पड़ा। इसके बाद में कंचनमाला ने हार नहीं मानी। कंचन ने विषम हालातों में भी देश के लिए सिल्वर मेडल जीता और वल्र्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई कर लिया।