नयी दिल्ली. मालदीव में चल रही राजनैतिक उठा-पटक पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने आज कहा कि वह वहां की सरकार द्वारा आपातकाल की घोषणा किये जाने से चिंतित है। भारत ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और राजनैतिक हस्तियों की गिरफ्तारी चिंता का विषय है। भारत ने अपने नागरिकों को कल परामर्श जारी कर उनसे द्वीप देश की गैरजरूरी यात्रा नहीं करने को कहा था।
विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा, हम मालदीव में सरकार द्वारा एक फरवरी के उच्चतम न्यायालय की पूर्ण पीठ के सर्वसम्मत फैसले का पालन करने से इंकार करने के बाद आपातकाल लगाए जाने और मालदीव की जनता के संवैधानिक अधिकारों को निलंबित किये जाने से चिंतित हैं। मंत्रालय ने कहा,उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और राजनैतिक शख्सियतों की गिरफ्तारी भी चिंता का विषय है। इससे पहले, निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मालदीव में चल रहे मौजूदा राजनैतिक संकट का समाधान करने के लिये सैन्य हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। नशीद ने यह अनुरोध न्यायपालिका और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के बीच बढ़ते टकराव के बीच किया था। यामीन ने कल देश में आपातकाल लगा दिया था और देश के शीर्ष न्यायाधीश को गिरफ्तार कर लिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और एक अन्य न्यायाधीश अली हमीद को यामीन द्वारा देश में कल आपातकाल लगाए जाने के कुछ घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके खिलाफ किसी जांच या आरोपों का कोई विवरण नहीं दिया गया। पूर्व राष्ट्रपति मौमून गयूम को भी उनके घर में नजरबंद कर लिया गया था। गयूम विपक्ष का समर्थन कर रहे थे।