जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी मिशन मोड में काम कर प्रदेश के लाखों शहरवासियों को उनके मकान का मालिकाना हक सहित अन्य राहत दिलाने में जुट जाएं। मकान के पट्टे तथा नगरीय निकायों से जुडी आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए राज्य सरकार 10 मई से प्रदेश के नगरीय निकायों में शिविर लगाने जा रही है। अब जनप्रतिनिधियांे और अधिकारियों पर बड़ी जिम्मेदारी है कि वे मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना के तहत इन शिविरों को सफल बना कर लोगों को राहत देने में भागीदार बनें। राजे मंगलवार को बिड़ला आॅडिटोरियम में शहरी जनकल्याण शिविरों की राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला में आए प्रदेशभर के विकास प्राधिकरणों, नगर सुधार न्यासों एवं सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी पात्र व्यक्तियों को उनके मकान का मालिकाना हक मिले। उन्होंने कहा कि यदि इसमें कोई बाधा आती है तो उसे भी हम दूर करेंगे। साथ ही कोशिश करेंगे कि इन शिविरों में आने वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को छूट एवं शिथिलता का लाभ देते हुए भूमि नियमन के साथ-साथ पट्टे देने, नक्शे पास करने तथा नाम हस्तांतरण करने जैसी राहत दी जाएं। राजे ने कहा कि सभी नगरीय जनप्रतिनिधियों और निकायों के आयुक्तों तथा अधिशासी अधिकारियों पर शहरों की तस्वीर बदलने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने वर्ष 2017 के अंत तक सभी शहरों को खुले में शौच से मुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरतमंदों के लिए राज्य सरकार ने अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि बहुत कम कीमत पर नाश्ते और भोजन की इस कल्याणकारी योजना को इस साल के अंत तक सभी शहरों में शुरू करें। इससे पहले नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना के तहत आयोजित किए जाने वाले शिविरों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2 माह तक चलने वाले इन शिविरों में मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप लोगों को राहत पहुंचाने में विभाग कोई कसर नहीं छोड़ेगा।स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा ने शिविर में होने वाले कार्यों की जानकारी दी।