जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की स्थापना शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। इन स्कूलों के खुलने से गांव-ढाणियों में रहने वाले किसान, गरीब व मजदूरों के बच्चों का अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का सपना साकार हुआ है।
गहलोत मंगलवार को यहां बिडला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह-2021 को मुख्य अतिथि के रूप संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बचपन से अंग्रेजी सीखने वाले बच्चे बाद में दूसरों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में पिछड़ते नहीं है। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों के व्यक्तित्व में भी निखार आता है।
मुख्यमंत्री ने अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में अच्छी फैकल्टी लगाने के निर्देश दिए और कहा कि ये स्कूल नाममात्र के अंग्रेजी माध्यम के स्कूल न बनें बल्कि वहां गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई भी हो। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय गरीब बच्चों को अच्छी स्कूलों में पढने का अवसर देने के उद्देश्य से शिक्षा का अधिकार कानून बनाकर 25 प्रतिशत गरीब बच्चों का प्रवेश अनिवार्य कर दिया गया।
गहलोत ने कोविड-19 के कठिन समय में शिक्षकों द्वारा किए गए योगदान को अनुकरणीय बताया। साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा कोरोनाकाल में बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए किए गए नवाचारों की प्रशंसा की। उन्होंने शिक्षा के साथ संस्कार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बच्चों को अपनी संस्कृति एवं संस्कारों से कभी दूर नही होने दें। उन्होंने शिक्षकों को समाज निर्माता की संज्ञा दी और शिक्षकों का आव्हान किया कि वे बच्चों में बचपन से ही संस्कार डालें। पुरस्कृत शिक्षकों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं शिक्षकों के हित में जो प्रस्ताव शिक्षा मंत्री द्वारा भेजे जाएंगे सरकार की ओर से उन्हें स्वीकार किया जाएगा।
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि पहले पुरस्कृत होने वाले शिक्षकों की संख्या काफी कम थी लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार तीन श्रेणियों में प्रदेश के 33 जिलों से तीन-तीन सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों का चयन राज्य स्तरीय सम्मान के लिए किया गया। उन्होंने प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में नामांकन संख्या लगभग एक करोड़ के आसपास पहुंचने पर शिक्षकों को बधाई दी। प्रदेश भर में क्रमोन्नत हुए 2500 विद्यालयों का उल्लेख करते हुए डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में 29 हजार नई भर्तियां निकाली हैं तथा मुख्यमंत्री गहलोत ने 11353 उप-प्रधानाचार्य के पद स्वीकृत कर स्कूल व्याख्याताओं एवं प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पुरस्कृत शिक्षकों के लिए अलग से योजना बनाकर उन्हें विशेष रियायत देने, राज्य में प्रतिबंधित जिलों की व्यवस्था समाप्त करने एवं विद्यालयों में 18000 से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती को स्वीकृति देने का आग्रह किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा पवन कुमार गोयल ने शिक्षकों का आव्हान किया कि पिछले डेढ़ साल में कोविड-19 के कारण बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान को पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाएं।
कार्यक्रम में तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्य मन्त्री डॉ. सुभाष गर्ग, उच्च शिक्षा राज्य मन्त्री भंवर सिंह भाटी एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जारोली भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमन्त्री एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित किया। गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक एवं भौतिक विकास के कार्य करने के लिए प्रदेशभर के विभिन्न विद्यालयों से चयनित 99 शिक्षकों का सम्मान किया गया। पुरस्कृत शिक्षकों को प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह एवं 21000 रूपये की नकद राशि प्रदान की गई।
इसके अलावा शिक्षा विभाग की जिला रेंकिंग में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन जिलों जयपुर, चुरू एवं हनुमानगढ़ को भी पुरस्कृत किया गया। राज्य के आदर्श विद्यालय श्रेणी में तीन श्रेष्ठ उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक विद्यालय तथा उत्कृष्ट विद्यालय श्रेणी के तीन श्रेष्ठ उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधान भी सम्मानित किये गये।
कार्यक्रम के अन्त में निदेशक, माध्यमिक शिक्षा कानाराम ने सभी अतिथियों, पुरस्कृत शिक्षकों तथा आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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