जयपुर। 12 साल पहले 2००5 में बी एड एवं शिक्षा शास्त्री कोर्स की मान्यता के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में सीबीआई मामलों की एसीजेएम कोर्ट में जज मीना अवस्थी ने सामुदायिक शिक्षा प्रसार समिति के तत्कालीन अध्यक्ष पंकज चौधरी, सचिव उसकी पत्नी यशोदा चौधरी निवासीयान माधव कॉलोनी-उदयपुर, सहसचिव श्रीनिवास धानक निवासी आदर्शनगर-हिरणमगरी एवं सदस्य गिरीश शर्मा निवासी सेवा नगर-उदयपुर को आईपीसी की धारा 12० बी सहपठित धारा 42० में दोषी मानते हुए 3 साल के कठोर कारावास एवं 25-25 हजार रुपए के जुमार्ने की सजा से दण्डित किया है। समिति ने एनसीटीई, जयपुर के अफसरों से मिलीभगत कर एवं मान्यता लेकर बडी सादडी में श्रीनाथ टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज 2००7 से संचालित किया था। t
अभियुक्तों ने एनसीटीई में झुठे तथ्यों तथा जमीन का फर्जी बेचाननामा, निर्मित एरिया के संबंध में असत्य शपथ पत्र, भूमि के उपयोग के संबंध में गलत सचना, एफडीआर में हेर-फेर कर मान्यता ली थी। सूचना मिलने के बाद पीई दर्ज कर सीबीआई ने 2००9 में एफआईआर दर्ज कर 13 मई, 2०11 को चालान पेश किया था। एफआईआर में आरोपी बनाये गये एनसीटीई पदाधिकारी ए एस राणा, एस एस राणा, पी के यादव, अनिल कुमार एवं चेतन कुमार मिश्रा को जांच अधिकारी नीरज अग्रवाल ने क्लीन चिट दे दी थी। नीरज अग्रवाल ने कोर्ट में एफएसएल रिपोर्ट एवं रिकॉर्ड तक पेश नहीं किया था। कोर्ट में 21 गवाहों के बयान कराये गये एवं 255 दस्तावेज पेश किये गये।