जयपुर। वन विभाग की जाटावाली इण्डस्ट्रीयल एरिया, जयपुर स्थित जमीन पर बिना हक व अधिकार के 2014 में बजरंग विहार-13 आवासीय स्कीम बनाकर फर्जी पट्टे देकर करोड़ों रुपयों की ठगी करने के मामले में सीएमएम, जयपुर मेट्रो सुनील गोयल की अदालत ने अभियुक्तगण के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 406, 467, 468, 471 व 120 बी के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में रामेश्वर धाम, मुरलीपुरा निवासी अनिल धींगड़ा ने अदालत में मनोज खत्री, भोला शंकर शर्मा, बंशीधर चौधरी, सूरजपोल गेट गृह विकास निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड, समिति अध्यक्ष प्रवीण मैनावत, मंत्री राजेन्द्र शर्मा, संयोजक मालीराम बुनकर सहित अन्य के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था।
परिवादी के अधिवक्ता हेमचन्द तेजवानी ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त मनोज, भोला शंकर व बंशीधर ने फरवरी, 2014 में परिवादी से 9.10 लाख रुपए लेकर 7०० वर्ग गज के पांच प्लाट विक्रय कर अभियुक्त प्रवीण, राजेन्द्र व मालीराम के हस्ताक्षरित पट्टे, साईट प्लान व रसीद दी गई थी। जमीन का कब्जा नहीं देने पर मालूमात किया तो पता चला कि उपरोक्त जमीन सरकारी है। रुपए मांगने पर लौटाने से इन्कार कर दिया। इसी तरह राजेश धींगड़ा से 2.6० लाख रुपए, राजेश खन्ना से 4.55 लाख रुपए, राधादेवी पत्नी घनश्याम दास से 4,67,5०० रुपए सहित सैंकड़ों पीड़ितों को आवास के सुनहरे सपने दिखाकर संगठित रूप से व सुनियोजित तरीके से गैंग बनाकर धोखाधड़ी की है। उपरोक्त जमीन ग्राम झीडा -तहसील चौमूं में स्थित है, जो गजट नोटिफिकेशन के अनुसार वन भूमि के तहत आती है। फिर भी अभियुक्तगण कागजों में फर्जी स्कीम बना दी।