जयपुर। फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में अब एटीएस राजस्थान रसूखदारों पर शिकंजा कसेगी। फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में कूपवाड़ा के जिला मजिस्ट्रेट राजीव रंजन के व्यापारी भाई ज्योति रंजन की गिरफ्तारी के बाद फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में अब जम्मू कश्मीर के सरकारी अफसरों व उनके नजदीकी लोगों की गिरफ्तारी संभव है। एटीएस राजीव रंजन से भी पूछताछ कर सकती है। इस मामले में एक मुख्य आरोपी राहुल ग्रोवर ने अपने बयान में हर एक लाइसेंस के लिए डीएम राजीव रंजन को चार हजार रुपए का भुगतान किए जाने की बात कही है।
राजीव रंजन के कार्यकाल के दौरान लिपिक गजन सिंह व मुश्ताक अहमद ने फर्जी लाइसेंस बनाकर लोगों को दिए थे। यह भी सामने आया है कि राजीव रंजन अपने भाई की कंपनी जेफ इन्फ्राटेक के माध्यम पैसा लेता था। इस कंपनी में करीब चालीस लाख रुपए जमा हुए हैं। एटीएस कुमार ज्योति रंजन से कंपनी में जमा राशि और फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में आईएएस राजीव रंजन की भूमिका को लेकर पूछताछ कर रही है। कुमार ज्योति रंजन के बयान के बाद एटीएस राजीव रंजन, कश्मीर के दूसरे सरकारी कार्मिकों व अफसरों को भी बयान के लिए बुला सकती है। उधर, रिमांड अवधि पूरी होने के बाद एटीएस आज कुमार ज्योति रंजन को कोर्ट में पेश करके फिर से रिमांड पर लेगी।
गौरतलब है कि राजस्थान एटीएस ने फर्जी तरीके से हथियार लाइसेंस बनाने और उन्हें हथियार उपलब्ध कराने में लिप्त एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया था। एटीएस ने राजस्थान, जम्मू कश्मीर, नागालैंड, पूर्वोत्तर समेत अन्य राज्यों से फर्जी तरीके से हथियार लाइसेंस लेने वाले दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया। जम्मू कश्मीर में गिरोह सक्रिय था, जो अफसरों व कर्मचारियों से मिलीभगत करके फर्जी हथियार लाइसेंस बनवा रहा था। इस काम के लिए मोटी रकम वसूलता था। कई बदमाशों को भी हथियार लाइसेंस जारी कर दिए। गिरोह के सदस्य भारतीय सेना, बीएसएफ व दूसरे सुरक्षा बलों के रिटायर्ड सिपाहियों के नाम से फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाते थे। हथियार लेने वालों को इस बारे में जानकारी भी थी, लेकिन हथियार रखने के लालच में वे फर्जी दस्तावेज से हथियार बनवाने से नहीं चूके। इस गिरोह की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को देखते हुए एटीएस ने गिरोह पर नजर रखना शुरु किया। फिर दिसम्बर, 2017 में एक साथ दबिश देकर पचास लोगों को अरेस्ट किया, जिसमें अजमेर, बाड़मेर के बड़े हथियार व्यापारी, गिरोह के सरगना व हथियार लेने वाले लोग थे।