जयपुर। छत्तीसगढ़ की युवती से दुष्कर्म के आरोप में फंसा राजस्थान में अलवर के फलाहारी प्रोपन्नाचार्य कौशलेंद्र महाराज के मामले की जांच जारी हैं। उधर युवती के पिता ने बाबा पर अन्य महिलाओं के साथ भी गलत हरकत करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाने वाली युवती गुरुवार शाम परिजनों के साथ अलवर पहुंच गई थी। पुलिस ने उसके बयान लिए और आश्रम भी ले गई। शुक्रवार को पुलिस ने आश्रम और उससे जुड़े अन्य भवनों की जांच की। उधर, छत्तीसगढ़ में बिलासपुर निवासी 21 साल की युवती के यौन शौषण के प्रयास के आरोपों से घिरे अलवर के कौशलेन्द्र प्रपन्नचार्य उर्फ फलहारी बाबा ने खुद को नपुंसक बताया है। पुलिस की प्रारम्भिक पूछताछ में बाबा ने कहा कि जब मै नपुंसक हूं तो गलत काम कर ही नहीं सकता। दावा किया कि तीन माह पूर्व गलत जड़ी-बूटी के सेवन से नपुंसक हो गया, इसका असर छह माह तक रहता है। अब पुलिस बाबा का पोटेंसी टेस्ट कराने पर विचार कर रही है। इस टेस्ट से ही साबित हो सकेगा कि बाबा नपुंसक है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि आसाराम ने भी खुद को इसी तरह से नपुंसक बताया था, इस पर पुलिस ने उसका पोटेंसी टेस्ट करवाया था, इसकी रिपोर्ट में साफ हुआ था कि वह नपुंसक नहीं है। जिला पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि बाबा के कमरे से महिलाओं के जेवरात और कपड़े मिले है। कमरे से पीड़ित युवती का भी कुछ सामान जप्त किया गया। अरावली विहार थाना अधिकारी ने बताया कि बाबा से अभी पूछताछ की जा रही है। यह है मामला- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी 21 साल की एक युवती ने 11 सितम्बर को बिलासपुर के महिला पुलिस थाने में अलवर के अरावली विहार स्थित मधु सुदन आश्रम के कौशलेन्द्र प्रपान्नाचार्य उर्फ फलहारी बाबा के खिलाफ यौन शौषण के प्रयासों का मामला दर्ज कराया था। साक्ष्य के रूप में उसने अपने कपड़े भी दिए। अरावली विहार पुलिस थाना अधिकारी शीशराम मीणा ने बताया कि बिलासपुर पुलिस ने मामला अलवर पुलिस को स्थानानंतरित कर दिया। युवती ने पुलिस में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा है कि उसके माता-पिता पिछले 20-25 सालों से बाबा के भक्त है।
वे समय-समय पर बाबा के अलवर स्थित आश्रम में आते रहते है, वहीं बाबा भी बिलासपुर जाता है तो उनके घर ही ठहरता है। युवती के अनुसार वह जयपुर में रह कर लॉ की पढ़ाई कर रही है। उसे किसी वकील के साथ कुछ दिन के लिए इंटर्नशिप करनी थी, इस बारे में बाबा को बताया तो उन्होंने एक वकील के पास भेज दिया। इंटर्नशिप पूरी होने पर वकील के ऑफिश से उसे तीन हजार रूपए मानदेय के रूप में मिले। इस पर माता-पिता ने यह राशि बाबा के आश्रम में समर्पित करने की बात कही। माता-पिता के कहने पर वह 7 अगस्त को वह बाबा के पास पहुंची और राशि भेंट कर दी। बाबा ने उसे एक रात आश्रम में ही रूकने के लिए कहा। उसे एक कमरे में भेज दिया गया। रात करीब 8 बजे एक शिष्य युवती के पास आया और कहा आपको बाबा बुला रहे हैं। इस पर वह बाबा के कमरे में चली गई। बाबा ने वहां मौजूद लोगों को आश्रम के ही मंदिर में हो रही आरती में शामिल होने के लिए भेज दिया और फिर कमरे का गेट बंद कर अश्लील हरकतें करने लग गया। बाबा ने गुप्तांगों मे छेड़छाड़ शुरू कर दी। बाबा ने युवती से कहा वो अपनी जीभ पर शहद से ऊं लिखेंगे और फिर तुम अपनी जीभ से उसे चाटना। बाबा ने कहा ऐसी दीक्षा हमने बहुत महिलाओं को दी है, इससे उन्हे सुंदर पुत्र प्राप्त होने के साथ ही जीवन उन्नत हुआ है, तुम भी आगे जाकर जज बन जाओगी। बाबा जब युवती से यह हरकत कर रहा था उसी दौरान आश्रम के एक बालक ने कमरे का गेट बजाया, इस पर घबराए बाबा ने युवती को दूर हटा दिया और खुद बाहर चला गया। युवती ने बताया कि इससे घबराई वह आश्रम छोड़कर पास ही वेद विघालय में चली गई। अगले दिन 8 सितम्बर को वह ट्रेन से अपने भाई के पास दिल्ली गई और उसे पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। दोनों भाई बहन बिलासपुर जाकर अपने माता-पिता से मिले और बाबा की हरकतों के बारे में बताया। इसके बाद युवती ने बिलासपुर महिला पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया।