-किसान मुक्ति संसद का धरना,सत्तापक्ष और विपक्ष के भी कई सांसद पहुँचे जंतर मंतर
दिल्ली.मध्यप्रदेश के मंदसौर से चली ऐतिहासिक किसान मुक्ति यात्रा देश के छह राज्यों से होते हुए 13 दिनों बाद आज राजधानी दिल्ली पहुँच गई। इस अवसर पर देश भर से आये किसानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित किसान संसद में ज़ोरदार हुँकार भरी। इसके साथ ही यात्रा का दूसरा चरण शुरू हो गया है जिसमें 150 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है। किसानों के अधिकार की इस लड़ाई का समर्थन करने के लिए देशभर से हजारों किसान पहुँचे और अपना समर्थन दिया। किसान मुक्ति संसद में दो मुख्य मांगे रखी गई: फसल का पूरा दाम मिले और किसानों को पूर्णरूप से कर्जमुक्त किया जाए।
तमिलनाडु के किसान नेता अय्याकन्नू के नेतृत्व में तमिलनाडु के किसानों ने किसान मुक्ति संसद को अपना समर्थन दिया। वहीं महाराष्ट्र के उन किसानों के बच्चों ने जिन्होंने आत्महत्या कर ली है, किसान मुक्ति संसद में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा अपनी दुर्दशा पर ध्यान आकृष्ट किया। जंतर मंतर पर उपस्थित इन बच्चों में से एक अशोक पाटिल ने कहा, “मुझे दुख है क्योंकि मेरे पिता ने आत्महत्या की है लेकिन मैं इस देश के सभी किसानों को बताना चाहता हूँ कि आत्महत्या के विकल्प को छोड़कर हमें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाना होगा।” अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेताओं के आह्वान पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों ने किसान मुक्ति संसद में हिस्सा लेकर किसानों की माँगों का भरपूर समर्थन मिला। राजू शेट्टी(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन), डॉ. धर्मवीर गांधी(आम आदमी पार्टी), तपन कुमार सेन(सीपीएम), शरद यादव(जेडीयू), अली अनवर (जेडीयू), मोहम्मद सलीम(सीपीएम),जितेंद्र चौधरी, सीताराम येचुरी,अरविंद सावंत(शिवसेना),बीआर पाटिल(कांग्रेस),शैलेन्द्र कुमार(जेडीयू),मो. मदरुद्ददुजा,शंकर दत्ता,श्रीमोती और अन्य सांसदों ने किसानों की माँगों का समर्थन करते हुए किसान मुक्ति संसद में शामिल हुए। किसान मुक्ति संसद में बोलते हुए, एमपी राजू शेट्टी नेसांसदों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी सांसद,संसद जाने से पहले जंतर-मंतर आएँ और किसानों की माँगों का समर्थन करें।मेधा पाटेकर ने कहा कि सरकार की किसान और आदिवासी विरोधी नीतियों से पूरा देश परेशान है और अब हम आर-पार की लड़ाई करने के लिए तैयार हैं।
सांसद सीताराम येचुरी ने भी किसान मुक्ति संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज की। जंतर मंतर पर बोलते हुए सीताराम येचुरी ने कहा, “आप सभी के साथ मैंने भी किसानों अधिकारों के लिए लड़ने का वादा लिया और आपसे यह भी वादा करता हूँ कि मैं इस लड़ाई को संसद में ले जाऊंगा।”
किसान मुक्ति संसद में शामिल हुए शरद यादव ने कहा, “यह सिर्फ किसानों की लड़ाई नहीं है, यह पूरे देश की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि जब आप संसद के बाहर यह लड़ाई लड़ रहे हैं, उसी समय मैं संसद में किसानों की माँगों को समर्थन दूँगा। उन्होंने यह भी वादा किया कि किसानों की लड़ाई के समर्थन में हम पूरे विपक्ष की ओर से एक रैली का आयोजन करेंगे।
जंतर-मंतर की जनसभा को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार किसानों का हक़ नहीं देने वाली है। हमें अपना हक छीन कर लेना होगा।उन्होंने मंदसौर से आये किसानों का मंच पर बुलाकर स्वागत भी किया।
सभा का संचालन डॉ. सुनीलम ने किया। किसान संसद को संबोधित करते हुए सुनीलम ने माँग किया कि किसानों पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो और ऋणमुक्ति और पूरे दाम की माँग को सरकार जल्दी से जल्दी स्वीकार करे।
सभा को सम्बोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानी का दो तिहाई काम करने वाली महिलाओं ने इस किसान मुक्ति संसद को ऐतिहासिक बना दिया है।वहीं प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार बड़े पूंजीपतियों और कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों को कुचलने पर उतारू है।
किसान मुक्ति यात्रा के किसान नेताओं चन्द्रशेखर(वाइस प्रेसीडेंट-ए. आई.के. एम. एस. तेलंगाना), सुंदर विमलनाथन(सचिव-साउथ इंडियन रिण्टरसिंकिंग फार्म्स एसोसिएशन-तमिलनाडु), पी एस शारदा(वाइस प्रेसीडेंट-स्वराज अभियान), लिंगराज(सचिव-पश्चिमी उड़ीसा कृषक संगठन), प्रेमसिंह गहलोत(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-अखिल भारतीय किसान महासभा हरियाणा), पुरुषोत्तम शर्मा(सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तराखंड), ईश्वरीप्रसाद कुशवाहा(सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा उत्तर प्रदेश), उपेंद्र सिंह(प्रदेश अध्यक्ष-राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश), हेमेंद्र चौधरी(प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन), भगतसिंह वर्मा(राष्ट्रीय अध्यक्ष-किसान मुक्ति मोर्चा उत्तर प्रदेश), राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन से रामवीर सिंह(मंडल अध्यक्ष-मेरठ), वीरपाल सिंह(जिलाध्यक्ष-हापुड़), ज़ोरावर सिंह(जिला अध्यक्ष-अमरोहा), ब्रम्हपाल सिंह(संगठन मंत्री-बुलन्दशहर), चमन सिंह(जिला महासचिव-अमरोहा), रविकांत तुपकर(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन-महाराष्ट्र), दशरथ सावंत(भूतपूर्व अध्यक्ष-स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र), प्रोफेसर प्रकाश पोफले(प्रेसीडेंट-स्वाभिमानी शेतकारी संगठन महाराष्ट्र), दीपक पगार(अध्यक्ष-उत्तर महाराष्ट्र किसान शेतकारी संगठन), बापूसाहेब कारांडे,सागर शम्भूशेटे(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन कोल्हापुर), जगदीश ईनामदार(स्वाभिमानी शेतकारी संगठन), रुलदूसिंह(राष्ट्रीय अध्यक्ष- अखिल भारतीय किसान महासभा), गुर्णमसिंह(सचिव-अखिल भारतीय किसान महासभा मध्यप्रदेश) सहित अन्य नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया।