जयपुर। अब तक आपने राजनीतिक या गैर राजनीतिक संगठनों के भारत या किसी राज्य के बंद के दौरान सिर्फ शहरों में ही बाजार बंद होते देखे हैं। लेकिन अब गांवों में भी इसकी झलक देखने को मिलेगी। वो भी एक दिन या कुछ घंटों के लिए नहीं, बल्कि पूरे दस दिन तक गांव बंद रहेंगे। देश में किसान, किसानी और कृषि पर बढ़ते संकट और सरकार की उदासीनता के विरोध में किसान संगठन गांव बंद का अनूठा प्रदर्शन करने जा रहे है, वो भी पूरे देश में और दस दिनों तक। ना तो गांव के बाजार खुलेंगे और ना ही किसी तरह का परिवहन होगा। किसानों की कर्जा मुक्ति, सुनिश्चित आय, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसान सब्सिड़ी को बहाल करने, फसलों का उचित समर्थन मूल्य तय करने, सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाने आदि किासनों से जुड़े मुद्दों पर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरु हो रहा है। हर राज्य के किसान संगठन और सभा इस आंदोलन से जोड़ी जा रही है।
हाल ही चण्डीगढ़ में देश के बड़े किसान संगठनों की बैठक हुई है, जिसमें किसानों की मांगों पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए एक से दस जून तक गांव बंद करने का फैसला किया है। इस फैसले के बारे में सभी राज्यों के किसान संघों को अवगत कराया जा रहा है। राजस्थान में भी एक से दस जून तक गांव बंद की तैयारियां चल रही है। राजस्थान किसान महासंघ, किसान संघ व दूसरे किसान संगठन अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से किसानों तक आंदोलन के बारे में बता रहे हैं। गांव बंद के दौरान बाजार बंद रखे जाएंगे। किसी को परेशानी ना हो, इसके लिए सड़क व यातायात मार्ग नहीं रोका जाएगा। इस दौरान दूध-अनाज व सब्जियों की की बिक्री बंद रखी जाएगी। शहरों से किसी भी तरह की खरीदारी नहीं की जाएगी। शीतल पेय पदार्थों का बहिष्कार किया जाएगा। सर