delhi. केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 प्रस्‍तुत किया। 2017-18 (अप्रैल-अक्‍टूबर) के दौरान सेवा क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 15.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्‍य बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा अनेक सुधारों को लागू करने से संभव हो पाया है, जिनमें राष्‍ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नीति की घोषणा करने, वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने, कारोबार में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए सुधार शामिल हैं। इसका उल्‍लेख आज संसद के पटल पर पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में किया गया है।

इस अवधि के दौरान बड़े पैमाने पर सुधार लागू किए गए, जिसकी पुष्टि इस तथ्‍य से होती है कि सेवाओं से जुड़ी गतिविधियों सहित 25 क्षेत्रों (सेक्‍टर) में सुधार लागू किए गए हैं। इनमें एफडीआई नीति से जुड़े 100 क्षेत्रों को भी कवर किया गया है। विभिन्‍न सेक्‍टरों जैसे कि निर्माण क्षेत्र के विकास, प्रसारण, खुदरा कारोबार, हवाई परिवहन, बीमा एवं पेंशन सेक्‍टर से जुड़ी एफडीआई नीति के प्रावधानों में व्‍यापक बदलाव किए गए। वर्तमान में 90 प्रतिशत से भी अधिक एफडीआई प्रवाह स्‍वत: रूट के जरिए होता है। ई-फाइलिंग के साथ-साथ विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा एफडीआई से जुड़े आवेदनों की ऑनलाइन प्रोसेसिंग पर सफलतापूर्वक अमल के बाद सरकार ने केन्‍द्रीय बजट 2017-18 में एफआईपीबी को चरणबद्ध ढंग से भंग करने की घोषणा की। हाल ही में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जनवरी, 2018 को एफडीआई नीति में संशोधनों को मंजूरी दी, जिसके तहत एकल ब्रांड खुदरा कारोबार के लिए स्‍वत: रूट के जरिए 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई। विदेशी एयरलाइंस को भी एयर इंडिया में 49 प्रतिशत तक निवेश करने की अनुमति दी गई है।

वैसे तो सेवा क्षेत्र में एफडीआई के वर्गीकरण में कुछ विसंगतियां हैं, लेकिन शीर्ष 10 सेवा क्षेत्रों जैसे कि औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) की सेवा क्षेत्र संबंधी परिभाषा के दायरे में आने वाली वित्‍तीय एवं गैर-वित्‍तीय सेवाओं के साथ-साथ दूरसंचार, व्‍यापार, कम्‍प्‍यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, निर्माण, होटल एवं पर्यटन, अस्‍पताल एवं नैदानिक केंद्रों, परामर्श सेवाओं, समुद्री परिवहन और सूचना एवं प्रसारण क्षेत्र की संयुक्‍त एफडीआई हिस्‍सेदारी को सेवा क्षेत्र से जुड़े एफडीआई का सर्वोत्‍तम आकलन माना जा सकता है। वर्ष 2016-17 के दौरान सर्विस सेक्‍टर (निर्माण क्षेत्र सहित शीर्ष 10 सेक्‍टर) में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 0.9 प्रतिशत घटकर 26.4 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर आ गया। हालांकि, समग्र रूप से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2017-18 (अप्रैल-अक्‍टूबर) के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 0.8 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में इन सेवा क्षेत्रों में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 15.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह मुख्‍यत: दो सेक्‍टरों यथा दूरसंचार और कम्‍प्‍यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर में अपेक्षाकृत अधिक प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) होने से ही संभव हो पाया है।

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