जयपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग में कम्प्यूटर उपकरणों के बकाया 5100 रुपये के बिल की राशि जारी करने के बदले 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए विभाग के तत्कालीन यूडीसी एवं स्टोर कीपर पवन कुमार को एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 जज बलजीत सिंह ने तीन साल का कठोर कारावास एवं बीस हजार रुपए के जुर्मानें की सजा सुनाई। मुकदमा दर्ज कराने वाले फर्म एसआर इन्फोटेक के कार्यकारी अधिकारी मुकेश चन्द जैन एवं उसका मालिक श्याम सुन्दर कोर्ट में पक्षद्रोही घोषित हो गये। लोक अभियोजक महेन्द्र व्यास एवं चन्द्रभान जोशी ने अदालत को बताया कि परिवादी मुकेश चन्द की फर्म ने महिला एवं बाल विकास विभाग में उपकरण सप्लाई किए थे। उसके 30 अप्रेेल, 2000 को 13400 और 5100रुपए के बिल दिये गये। विभाग ने 13400 तो दे दिये, लेकिन 5100 की राशि जारी करने की एवज में पवन ने उससे 15 प्रतिशत रिश्वत मांगी थी एवं 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए.