jaipur. दो बार की वर्ल्ड चैंपियन उरुग्वे की सबसे बड़ी ताकत उसका डिफेंस हैं। कप्तान डिएगो गोडिन के साथ जोस जिमेनेज, मार्तिन कासेरेस और डिएगो लक्साट के साथ-साथ गोलकीपर फर्नांडो मुसलेरा ने इस वर्ल्ड कप में एक ऐसी दीवार खड़ी की है, जिसे ग्रुप स्टेज के तीन मुकाबलों में कोई टीम भेद नहीं सकी थी। प्री क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल के पेपे ने एक गोल जरूर दागा, लेकिन वो भी उनकी टीम को जिता नही सका। उरुग्वे के अलावा बस ब्राजील ही ऐसी टीम है, जिसने इस वर्ल्ड कप में बस एक ही गोल ही खाया है। उरुग्वे टीम का जिफेंस जितना मजबूत है, उतनी ही धार उसके आक्रमण में नजर आई है।
दूसरी ओर, फ्रांस की टीम ने जिस तरह से प्री क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना को चार गोल दागकर बाहर का रास्ता दिखाया था, उससे इस टीम का आक्रमण क्षमता के बारे पता चलता है। 19 साल के खिलाड़ी एम्बाप्पे इस वक्त फ्रांस के साथ-साथ पूरे वर्ल्ड कप के हीरो हैं। उरुग्वे के डिफेंस के भेदने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी। उनका साथ देने के लिए दूसेर स्ट्राइकर ग्रिजमेन भी होंगे, जिनकी गोल करने की कबिलीयत का लोहा उनके विरोधी भी मानते हैं।
फ्रांस और उरुग्वे की टीमें अब तक कुल सात बार आमने-सामने आई हैं, जिनमें से दो बार उरुग्वे ने जीत हासिल की है और एक बार फ्रांस जीता है। चार मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।